एफडीए ने 2007 में एथीलीन ऑक्साइड के तत्वों के लिए टेलकम पाउडर की कुछ खेप की जांच नहीं करने पर जॉनसन के मुलुंड कारखाने को बंद करने का निर्देश दिया था। राज्य में एफडीए के इस कदम का समर्थन करते हुए वकील आशुतोष कुंबाकोनी ने कहा, 'बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारतीयों से कीड़े-मकोडे़ (गिनी पिग्स) की तरह व्यवहार करना रोकना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'अगर यही घटना अमेरिका में हुई होती तो कंपनी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते।'
न्यायाधीश एजे वजीफदार और एम एस सोनक की अदालत जानसन द्वारा एफडीए के आदेश के चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। एफडीए ने मुलुंड कारखाने को 24 जून से बंद करने को कहा था। कंपनी ने अंतरिम राहत के रूप में इसके कारखाने को पुनः खोलने की अनुमति मांगी थी।
मार्च में एफडीआई ने पाया कि 2007 में बने बेबी टेलकम पाउडर का डिसइन्फेक्शन एथीलीन ऑक्साइड से किया गया है। इस रसायन को आमतौर पर कैंसर का कारण माना जाता है और इससे उल्टी जैसी शिकायतें भी सामने आती हैं।
एफडीए का कहना था कि कंपनी ने इस प्रक्रिया को उसके यहां पंजीबद्ध नहीं कराया। कंपनी ने अपीलीय प्राधिकरण में हारने के बाद एफडीए के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
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