मै विकास हूँ,
कटघरे मे खड़ा,
डरा-डरा
एक दल के
दल-दल में
अधमरा पड़ा,
मै झूठी आस हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै नक़ाब हूँ,
फ़रेब और झूठ हूँ,
राह की लूट हूँ,
दिन के ऊंजाले में,
भटकता हुआ,
रात की कालिखों में,
चमकता हुआ,
मै नेताओ की नग्नता का,
पारदर्शी लिबास हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै दाग और दंगा हूँ,
झूठा और नंगा हूँ,
मै मटमैला हूँ,
भ्रष्टाचार की गंगा हूँ,
दूध मे गौमूत्र हूँ,
अधर्म का सूत्र हूँ,
मै आग हूँ,
खलिहानों में,
किसान की लाश हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै गोरखपुर में,
कान्हा हूँ,
मै गुजरात में,
ऊना हूँ,
मै हरियाणा मे,
दंगा हूँ,
चंबल में डाकू,
और यूपी में नंगा हूँ,
मप्र में व्यापम हूँ,
दिल्ली में झूठम हूँ,
मै मौत हूँ, लाश हूँ,
सवाल हूँ, काश हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ....
सबकी जेबें,
लूट चुका हूँ,
अब व्यापार पर,
टूट चुका हूँ,
आग हूं, खाक हूँ,
मातम और राख हूँ,
सीमा की शहादत पर,
भाजपा का उल्लास हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ....
कटघरे मे खड़ा,
डरा-डरा
एक दल के
दल-दल में
अधमरा पड़ा,
मै झूठी आस हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै नक़ाब हूँ,
फ़रेब और झूठ हूँ,
राह की लूट हूँ,
दिन के ऊंजाले में,
भटकता हुआ,
रात की कालिखों में,
चमकता हुआ,
मै नेताओ की नग्नता का,
पारदर्शी लिबास हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै दाग और दंगा हूँ,
झूठा और नंगा हूँ,
मै मटमैला हूँ,
भ्रष्टाचार की गंगा हूँ,
दूध मे गौमूत्र हूँ,
अधर्म का सूत्र हूँ,
मै आग हूँ,
खलिहानों में,
किसान की लाश हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ...
मै गोरखपुर में,
कान्हा हूँ,
मै गुजरात में,
ऊना हूँ,
मै हरियाणा मे,
दंगा हूँ,
चंबल में डाकू,
और यूपी में नंगा हूँ,
मप्र में व्यापम हूँ,
दिल्ली में झूठम हूँ,
मै मौत हूँ, लाश हूँ,
सवाल हूँ, काश हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ....
सबकी जेबें,
लूट चुका हूँ,
अब व्यापार पर,
टूट चुका हूँ,
आग हूं, खाक हूँ,
मातम और राख हूँ,
सीमा की शहादत पर,
भाजपा का उल्लास हूँ,
हाँ, मै विकास हूँ....
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