जयपुर। राजस्थान पुलिस की कमान एक बार फिर से क्षेत्रीय के हाथों में ही रहेगी। इस संबंध में सभी तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घोषणा कर दी। ओपी गल्होत्रा को नया डीजीपी बनाया गया है।
राजस्थान पुलिस के महानिदेशक अजीतसिंह शेखावत आज गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गये। पहले उनको एक्सटेंशन देने की चर्चा थी, किंतु सरकार ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए एक अन्य राजपूत ओमप्रकाश गल्होत्रा पर विश्वास जताया। ओमप्रकाश गल्होत्रा भी क्षेत्रीय हैं इस कारण सरकार ने इन सभी समीकरणों का ध्यान में रखते हुए उनके नाम पर मुहर लगा दी।
वर्ष 1985 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश गल्होत्रा मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और वे पंजाबी क्षेत्रीय हैं। इस कारण उनको पंजाबी राजपूत के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि उनके साथ कपिल गर्ग व सुनील मेहरोत्रा के नामों की भी चर्चा थी, किंतु सरकार के समक्ष राजपूत समाज को लेकर साथ चलने की भी एक बड़ी वजह थी। सरकार स्वयं को किसी भी तरह से राजपूत विरोधी प्रदर्शित नहीं करना चाहती थी, इस कारण दलित आईपीएस के लिए लॉबिंग होने के बावजूद सरकार ने फिर से क्षेत्रीय को ही पुलिस महानिदेशक बनाने का निर्णय लिया।
इससे पहले अजीतसिंह शेखावत के सम्मान आज जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी में परेड से सलामी दी गयी। इस अवसर पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री शेखावत ने बताया कि उनके कार्यकाल में पहली बार हवलदार से लेकर एसआई तक पदोन्नति में विभागीय पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इस कारण अब आधे पद डीपीसी से ही भरे जायेंगे, इससे वरिष्ठ कांस्टेबल भी बिना परीक्षा के हवलदार बन सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मंशा पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिलाने की भी थी, किंतु इस प्रस्ताव की क्रियान्विति विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के चलते नहीं हो पायी, लेकिन आगामी दिनों में पुलिसकर्मियों को यह राहत अवश्य ही मिलेगी, ताकि वे परिवार के साथ समय व्यतीत कर सकें। श्री गल्होत्रा बीकानेर रेंज में कभी नहीं रहे। वे जयपुर में रेंज प्रथम और सैकिण्ड दोनों में रहे। इसके अतिरिक्त वे सीबीआई में भी काफी वर्षों तक रहे। आर्थिक अपराध की रोकथाम में उनको महारत हासिल है और इसके लिए वे विशेष प्रकोष्ठ के प्रभारी भी रह चुके हैं और वर्तमान में वे एडीजी आम्र्ड बटालियन थे।
राजस्थान पुलिस के महानिदेशक अजीतसिंह शेखावत आज गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गये। पहले उनको एक्सटेंशन देने की चर्चा थी, किंतु सरकार ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए एक अन्य राजपूत ओमप्रकाश गल्होत्रा पर विश्वास जताया। ओमप्रकाश गल्होत्रा भी क्षेत्रीय हैं इस कारण सरकार ने इन सभी समीकरणों का ध्यान में रखते हुए उनके नाम पर मुहर लगा दी।
वर्ष 1985 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश गल्होत्रा मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और वे पंजाबी क्षेत्रीय हैं। इस कारण उनको पंजाबी राजपूत के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि उनके साथ कपिल गर्ग व सुनील मेहरोत्रा के नामों की भी चर्चा थी, किंतु सरकार के समक्ष राजपूत समाज को लेकर साथ चलने की भी एक बड़ी वजह थी। सरकार स्वयं को किसी भी तरह से राजपूत विरोधी प्रदर्शित नहीं करना चाहती थी, इस कारण दलित आईपीएस के लिए लॉबिंग होने के बावजूद सरकार ने फिर से क्षेत्रीय को ही पुलिस महानिदेशक बनाने का निर्णय लिया।
इससे पहले अजीतसिंह शेखावत के सम्मान आज जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी में परेड से सलामी दी गयी। इस अवसर पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री शेखावत ने बताया कि उनके कार्यकाल में पहली बार हवलदार से लेकर एसआई तक पदोन्नति में विभागीय पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इस कारण अब आधे पद डीपीसी से ही भरे जायेंगे, इससे वरिष्ठ कांस्टेबल भी बिना परीक्षा के हवलदार बन सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मंशा पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिलाने की भी थी, किंतु इस प्रस्ताव की क्रियान्विति विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के चलते नहीं हो पायी, लेकिन आगामी दिनों में पुलिसकर्मियों को यह राहत अवश्य ही मिलेगी, ताकि वे परिवार के साथ समय व्यतीत कर सकें। श्री गल्होत्रा बीकानेर रेंज में कभी नहीं रहे। वे जयपुर में रेंज प्रथम और सैकिण्ड दोनों में रहे। इसके अतिरिक्त वे सीबीआई में भी काफी वर्षों तक रहे। आर्थिक अपराध की रोकथाम में उनको महारत हासिल है और इसके लिए वे विशेष प्रकोष्ठ के प्रभारी भी रह चुके हैं और वर्तमान में वे एडीजी आम्र्ड बटालियन थे।
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