सरकार ने कहा है कि जल्द ही महत्वपूर्ण कॉरिडोर में पेट्रोल पंपों की तरह ही चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे !

पेट्रोल पंपों की तरह ही महत्वपूर्ण कॉरिडोर में लगेंगे इलेक्ट्रिक कारों के लिए चार्जिंग पॉइंट
गुलशन राय खत्री, नई दिल्ली

सरकार ने कहा है कि जल्द ही महत्वपूर्ण कॉरिडोर में पेट्रोल पंपों की तरह ही चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे, जहां इलेक्ट्रिक कारों की चार्जिंग की जा सकेगी। ऐसे कॉरिडोर में दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-जयपुर शामिल हैं। चार्जिंग पॉइंट तैयार करने के लिए अगले 15 दिन में केंद्र सरकार पॉलिसी लाने जा रही है। सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए खुद ही इलेक्ट्रिक कारें खरीदना शुरू कर दिया है और अगले एक सप्ताह में पांच इलेक्ट्रिक कारों की पहली खेप पावर मिनिस्टरी को मिल जाएगी।

पावर मिनिस्टर राजकुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सरकार चाहती है कि 2030 तक देश की कुल कारों में 30 फीसदी कारें इलेक्ट्रिक की हों। इसी वजह से सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों की चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत के लिए सरकार बाकायदा चार्जिंग पॉलिसी बना रही है और अगले एक पखवाड़े में यह पॉलिसी आ जाएगी। इस पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि शहरों में ही नहीं बल्कि बड़े हाईवेज और मुख्य मार्गों पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएं ताकि इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों को चार्जिंग के लिए किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसी वजह से सरकार चाहती है कि जिस तरह से जगह जगह पेट्रोल पंप होते हैं, उसी तरह से चार्जिंग पॉइंट होने चाहिए।

पावर मिनिस्टर का कहना है कि चार्जिंग पॉइंट बनाने के लिए सरकार डिस्कॉम, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को फ्रेंचाइजी देने की कोशिश कर रही है। शुरुआत में दिल्ली-आगरा, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मुंबई जैसे कॉरिडोर को चुना जाएगा। इन कॉरिडोर पर एक तय दूरी पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे। सरकार का कहना है कि ऐसे चार्जिंग पॉइंट के लिए पॉलिसी में यह व्यवस्था की जा रही है कि चार्जिंग पॉइंट चलाने के लिए जिस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग को चुना जाएगा, वह जमीन की लागत, इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत और वहां तैनात कर्मचारी का वेतन आदि मिलाकर कुल खर्चे और उस उसके तय मुनाफे को जोड़कर चार्जिंग का शुल्क लिया जाएगा। पावर मिनिस्टर के मुताबिक सरकार का आकलन है कि इस सारे खर्चे को जोड़कर जो भी शुल्क अदा किया जाएगा, उससे इलेक्ट्रिक कार चलाने की लागत 3.50 रुपये प्रति किलोमीटर ही आएगी। एक बार कार चार्ज होने के बाद 130 किलोमीटर तक चल सकेगी।

पावर मिनिस्टर का कहना है कि सिर्फ उनका विभाग ही नहीं बल्कि अन्य सरकारी विभाग भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं। उम्मीद है कि अगले 15 दिनों में 500 इलेक्ट्रिक कारें सरकारी विभागों को मिल जाएंगी। उनके मुताबिक इलेक्ट्रिक कारों की न सिर्फ मैंटेनैंस कम होगी बल्कि इन कारों की लाइफ भी अधिक होगी। ऐसी कारों का दो कार कंपनियां उत्पादन कर रही हैं। 

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