नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि जबतक कोर्ट इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं ले लेता है तब तक मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही आधार, मोबाइल नम्बर और बैंक खातों को लिंक करने की अंतिम तिथि को बढ़ाया गया है।
बतादें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट उनलोगों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने किसी कारण बस अभी भी आधार कार्ड नहीं बनवा सके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले पर सुनवाई के बाद कहा है कि ‘जब तक आधार को अनिवार्य किए जाने पर कोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं दे देती है, तब तक सरकार मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र से यह पूछा था कि आधार, मोबाइल नम्बर और बैंक से लिंक कराने कीतिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है।
जिसपर केंद्र ने कहा कि ‘हां ऐसा संभव है’। वहीँ मंगलवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाले बेंच ने कहा कि ‘सरकार आधार लिंक करने को अनिवार्य करने पर जोर नहीं दे सकती है। इसके साथ ही तत्काल पासपोर्ट सेवा के लिए आधार की मांग को भी गलत ठहराया गया है। कोर्ट ने यह कहा कि सरकार किसी को भी आधार नंबर देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
हालाँकि सरकारी सेवाओं के लाभ के लिए आधार कार्ड की मांग की जा सकती है। वहीँ सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद करोड़ों लोगों को राहत मिली है जिनका अभी तक आधार कार्ड नहीं बना था।
बतादें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट उनलोगों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने किसी कारण बस अभी भी आधार कार्ड नहीं बनवा सके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले पर सुनवाई के बाद कहा है कि ‘जब तक आधार को अनिवार्य किए जाने पर कोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं दे देती है, तब तक सरकार मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र से यह पूछा था कि आधार, मोबाइल नम्बर और बैंक से लिंक कराने कीतिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है।
जिसपर केंद्र ने कहा कि ‘हां ऐसा संभव है’। वहीँ मंगलवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाले बेंच ने कहा कि ‘सरकार आधार लिंक करने को अनिवार्य करने पर जोर नहीं दे सकती है। इसके साथ ही तत्काल पासपोर्ट सेवा के लिए आधार की मांग को भी गलत ठहराया गया है। कोर्ट ने यह कहा कि सरकार किसी को भी आधार नंबर देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
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