हर साल चैत्र में नवरात्रि के साथ एक और पर्व मनाते है जिसका महत्व काफी ज्यादा होता है जिसे गुड़ी पड़वा कहते है।
इस पर्व को चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है इसे कुछ लोग 'नवसंवत्सर' नाम से भी जानते है इसके पीछे कई कहानिया जुडी है।माना जाता है की इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था इसलिए इसदिन को सृस्टि के निर्माण के लिए मनाया जाता है और इसी से साथ सभी पेड़ पोधो में हरियाली शुरू होती है।इस पर्व को महाराष्ट्र में घर में ध्वज लगा कर मनाते है उनका मानना है की इस दिन श्रीराम ने बाली के अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई इसलिए लोग इस दिन को खुशियों के साथ मानते है।
गुड़ी का अर्थ है भी होता है विजय पताका तो इस लिए इस दिन मिटी रोटी बनाई जाती है और लोगो को बाटी जाती है और नववर्ष की शुरुआत की जाती है।
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