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हिन्दुस्थान के समाज को खत्म करने के लिये अंग्रजो ने बनाये हुवे,कानून IPC, CRPC, CPC आज भी लोअर कोर्ट , हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में कानून ही चल रहे है !

आज से 500 साल पहले 20 मई सन 1498 वे में  1 विदेशी वास्कोडिमा  भारत आया था ओर वो भारत को ईसाई देश बनाने के उद्देश्य से आया था , उसे यूरोप से ईसाई पादरी पोप ने भेजा गया था , उनका उद्देश्य था कि भारत को बरबाद कर देंगे ।
सन 1813 में लंदन में अंग्रेजो ने भारत की आर्थिक व्यवस्था को खत्म करने के लिए कानून बनाये भारत के व्यापारियों को खत्म करने के एक्साइज ड्यूटी का टेक्स , सेल टेक्स , इन्कम टेक्स, अंग्रेजो ने ही बनाये ताकि भारत के व्यापारी उन्नति न कर सके ।*
अंग्रेजो ने किसानों की जमीन छीनने का कानून 1894 में डलहौजी ने  बनाया, यह कानून अभी भी चल रहा है किसानों के साथ अत्याचार अभी भी हो रहा है ।
 अंग्रेजो ने जंगल मे भारतीय किसी कारण से पेड़ काटे तो उसे सजा देते थे  ओर अंग्रेज की कम्पनियों ने करोड़ो पेड़ काटकर सिगरेट बनाई जाती थी।
हिन्दुस्थान के समाज को खत्म करने के कानून IPC, CRPC, CPC आज भी लोअर कोर्ट , हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजो के बने कानून ही चल रहे है ।  जिन कानून के नियमो से भारत मे लाखो बेगुनाह 20-20 सालों तक केस में उलझे रहते है।*
अब तो अंग्रेजो के कानून को बदलना ही होगा।
भारतीय संस्कृति के अनुसार  राजा विक्रमादित्य के समय मे 3 मिनिट ने न्याय हो जाता था पर आज अंग्रेजो के कानून के अनुसार 20-20 साल में भी न्याय नही मिल पाता है।*
16 साल से अधिक उम्र के गाय-बेलो को काटने का कानून अंग्रेजो ने सन 1850 में बनाया था उस समय 350 कत्लखाने थे ओर आज 36000 से अधिक कत्लखाने है , आज भी अंग्रेजो के कानून ही चल रहे है।
आज लोग अंग्रेजी भाषा के गुलाम है पर अंग्रजी भाषा मे टोटल 12000 शब्द है जबकि हिन्दी भाषा मे 72000 शब्द है।
अंग्रेजी भाषा मे परिवार के रिश्तेदारों के लिए शब्द नही है जबकि हिन्दी भाषा मे सबके लिए शब्द है।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव बहुत  जरूरी है ।
ईसाई मिशनरिया भारत के धर्म के केंद्र बिन्दुओ -जैसे गाय माता काटकर , गंगा नदी में कत्लखानो का खून वाला पानी डालने से , हिन्दू संतो के ऊपर झूठे आरोप लगाकर हिन्दुओ की श्रद्धा को तोड़कर, युवाओं को ड्रग्स , शराब , सिगरेट आदि गलत व्यसन लगाकर हिन्दुओ नष्ट करने का काम अभी भी तेजी से कर रही है ।*

50 साल की आजादी 500 साल की गुलामी से भी खराब है।

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सही कहा।

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