एक जवान बेटे ने घर में टीवी पर जब देश के पीएम का ये भाषण सुना कि 70 वर्षों से सत्ताधारी सरकारों ने कुछ नही किया । उन्होंने देश को लूटने का ही काम किया।
तब उस बेटे ने अपने पिता से पूछा की पापा क्या ये सत्य हैं ? क्या देश की जनता मुर्ख थी जो मतदान करके ऐसी सरकारें चुनती रही ??
अगर सत्ताधारी प्रमुख ऐसे भ्रष्ट थे तो उनको सजा क्यों नही मिली ? क्यों आज तक हम इन्हें महापुरुषों में गिनते हैं ?
बेटे के ऐसे सवालों पर पिता ने कहा की बेटा इसकी हकीकत जाननी है तो एक काम करते हैं । अपने पूरे परिवार के सदस्य कल बिजली, वाहन, मोबाइल, गैस रहित दिन मनाएंगे और इनसे सम्बन्धित किसी भी वस्तु का प्रयोग नही करेंगे।
अगले दिन प्रातः घर की महिलाएं कुए से पानी लाई, थके हाल लकड़ी जलाकर चूल्हे से खाना बनाया, पैदल ही 1 किमी दूर दूकान पर धंधा करने गए, बिना पंखे के गर्मी में बेहाल दूकान में व्यापार किया, आवश्यक होने पर भी व्यापारी और ग्राहक से बात करने मोबाइल का प्रयोग नही कर पाए, रात को पैदल ही थके-हारे घर आये, घर की महिलाएं दिनभर काम करके गर्मी में चूल्हे पर खाना बनाकर लथपथ हो गयी थी फिर लालटेन की रौशनी में सबने खाना खाया और अंत में टीवी बन्द होने से जल्दी से सब सोने चले गये लेकिन गर्मी में बिना पंखे की नींद नही आयी तब घर के सभी सदस्य बोले पापा जी ऐसी जिंदगी तो अब एक पल भी और नही जी सकते । आगे कभी ऐसा प्रयोग नही करवाना।
तब पापा बोले - बेटा तुम एक दिन में ही इतने अधीर हो गए तो सोचो आज से 50-60 वर्ष पूर्व तुम्हारे बाप-दादा ऐसी ही जिंदगी जीते थे। लेकिन ये आज की जो इतनी सुविधाओं की जिंदगी देख रहे हो वो हमारी चाहत, मेहनत और 60 वर्षों में देश की सत्ताधारी सरकारों के प्रयासो से प्राप्त हुई हैं।
सड़कें, बिजली, हॉस्पिटल, स्कुल, गैस चूल्हे, दूरसंचार फोन की सुविधाए सब विभिन्न सरकारी प्रयासों से ही सम्भव हुई हैं।
पिता की बातें सुनकर बेटा बोला कि - पापा 60 वर्षों में हमारी जिंदगी इतनी बदली अपना देश इतना बदला तो ये मोदी जी ऐसा क्यों बोलते हैं ??
पापा बोले- बेटा ये उनकी अज्ञानता और अहंकार हैं। मैं जो बता रहा हूं वो 60 वर्षों का अनुभव हैं जिसने इस भारत की विकास यात्रा को देखा है जो की सत्य भी हैं।
मेरा भारत महान ।
तब उस बेटे ने अपने पिता से पूछा की पापा क्या ये सत्य हैं ? क्या देश की जनता मुर्ख थी जो मतदान करके ऐसी सरकारें चुनती रही ??
अगर सत्ताधारी प्रमुख ऐसे भ्रष्ट थे तो उनको सजा क्यों नही मिली ? क्यों आज तक हम इन्हें महापुरुषों में गिनते हैं ?
बेटे के ऐसे सवालों पर पिता ने कहा की बेटा इसकी हकीकत जाननी है तो एक काम करते हैं । अपने पूरे परिवार के सदस्य कल बिजली, वाहन, मोबाइल, गैस रहित दिन मनाएंगे और इनसे सम्बन्धित किसी भी वस्तु का प्रयोग नही करेंगे।
अगले दिन प्रातः घर की महिलाएं कुए से पानी लाई, थके हाल लकड़ी जलाकर चूल्हे से खाना बनाया, पैदल ही 1 किमी दूर दूकान पर धंधा करने गए, बिना पंखे के गर्मी में बेहाल दूकान में व्यापार किया, आवश्यक होने पर भी व्यापारी और ग्राहक से बात करने मोबाइल का प्रयोग नही कर पाए, रात को पैदल ही थके-हारे घर आये, घर की महिलाएं दिनभर काम करके गर्मी में चूल्हे पर खाना बनाकर लथपथ हो गयी थी फिर लालटेन की रौशनी में सबने खाना खाया और अंत में टीवी बन्द होने से जल्दी से सब सोने चले गये लेकिन गर्मी में बिना पंखे की नींद नही आयी तब घर के सभी सदस्य बोले पापा जी ऐसी जिंदगी तो अब एक पल भी और नही जी सकते । आगे कभी ऐसा प्रयोग नही करवाना।
तब पापा बोले - बेटा तुम एक दिन में ही इतने अधीर हो गए तो सोचो आज से 50-60 वर्ष पूर्व तुम्हारे बाप-दादा ऐसी ही जिंदगी जीते थे। लेकिन ये आज की जो इतनी सुविधाओं की जिंदगी देख रहे हो वो हमारी चाहत, मेहनत और 60 वर्षों में देश की सत्ताधारी सरकारों के प्रयासो से प्राप्त हुई हैं।
सड़कें, बिजली, हॉस्पिटल, स्कुल, गैस चूल्हे, दूरसंचार फोन की सुविधाए सब विभिन्न सरकारी प्रयासों से ही सम्भव हुई हैं।
पिता की बातें सुनकर बेटा बोला कि - पापा 60 वर्षों में हमारी जिंदगी इतनी बदली अपना देश इतना बदला तो ये मोदी जी ऐसा क्यों बोलते हैं ??
पापा बोले- बेटा ये उनकी अज्ञानता और अहंकार हैं। मैं जो बता रहा हूं वो 60 वर्षों का अनुभव हैं जिसने इस भारत की विकास यात्रा को देखा है जो की सत्य भी हैं।
मेरा भारत महान ।
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