मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 5 जिलों में ईवीएम मशीनों से जुड़ी गड़बडियों के मामले में हाईकोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया है। एमपी हाई कोर्ट ने ईवीएम खराब होने के संबंध में कांग्रेस पार्टी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। अदालत ने ईवीएम के साथ वीवीपीएटी स्लिप्स की गिनती पर दायर याचिका पर अपना निर्णय आरक्षित कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार मतदान वाली सभी ईवीएम मशीनें कड़े सुरक्षा घेरे में सुरक्षित रखी हैं। चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने याचिका की सुनावाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि मतदान वाली ईवीएम और उपयोग नहीं लाई गई ईवीएम के लिए अलग-अलग सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
राज्यभर में मतदान के तुरंत बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीन सील कर दी गई थीं जो कि अब मतगणना के दिन यानी 11 दिसंबर को ही खुलेंगी। बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव नरेश सराफ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सतना, भोपाल, सागर, शाजापुर और खंडवा में मतदान के बाद ईवीएम मशीनों के प्रबंधन में व्यापक स्तर पर गड़बड़िया हुई हैं। याचिका में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी गठित करे और उक्त स्थानों पर हुई गड़बड़ियों की जांच कराएं।
रिपोर्ट के अनुसार मतदान वाली सभी ईवीएम मशीनें कड़े सुरक्षा घेरे में सुरक्षित रखी हैं। चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने याचिका की सुनावाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि मतदान वाली ईवीएम और उपयोग नहीं लाई गई ईवीएम के लिए अलग-अलग सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
राज्यभर में मतदान के तुरंत बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीन सील कर दी गई थीं जो कि अब मतगणना के दिन यानी 11 दिसंबर को ही खुलेंगी। बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव नरेश सराफ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सतना, भोपाल, सागर, शाजापुर और खंडवा में मतदान के बाद ईवीएम मशीनों के प्रबंधन में व्यापक स्तर पर गड़बड़िया हुई हैं। याचिका में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी गठित करे और उक्त स्थानों पर हुई गड़बड़ियों की जांच कराएं।
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