हमारी टीम ने जब महाराष्ट्र के महाड तालुका मे एक न्युज कवरेंज के लिये गये,तब हमे यह रिपोर्टिंग करने का मौका मिला। उस गाव के एक आदमी का पैर फेक्चर हो गया था। जब हम उस आदमी के साथ उस गावं के हंडी के वैद्य के पास गये,तब हम सब लोग उनका ईलाज का तरीका को देख कर सब लोग हैरान हो गये। आज भी इस गावं के लोगो का इस तरह के ईलाज मे विश्वास है।
उस गावं के हंडी के वैद्य ने हमारी टीम को इन्फॉर्मेशन दी की,जब कोई भी इंसान की हंडी मे मोच आता है,तो उसका सब से पहले उसकी मांस पेशी मे ब्लड जम जाता है। अगर ब्लड जम जाता है,तो उस इंसान को सब से जादा दर्द होता रहेगा। इस लिये,वह ब्लड जम जाने से, काला पड जाता है। उनके मुताबिक वह खराब खून को शरीर से बाहेर निकलना बहुत जरुररी हो जाता है। जब खराब खून बाहेर निकल जाता है,तो उस घायल आदमी का दर्द कुछ ही घटो मे कम हो जाता है। फिर उसके बाद उसके जखम पर कुछ आयुर्वेदिक पते से बने जडिबुटी का लेप लगाया जाता है। कुछ 15 दिनो के भीतर व ह जखम और मोच भी ठीक हो जात है।
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