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चार्ली चैपलिन के निजी ज़िन्दगी के तजुर्बे से जन्मे कुछ सुविचार !

मजाक और मुस्कानों के बेताज अजरामर बादशहा चार्ली चॅपलिन की 131वी जयंती के ऊपलक्ष मे हम धोपावकर बंधु-भगिनी एवं परिवार, अहमदनगर की ओर से चार्ली चॅपलिन के दुनियाभर के लोगों को ऊनके ज़िन्दगी से गमों को भुलाकर हँसी और मुस्कानों की बरसात कराने के महान कार्य को कोटी कोटी सादर प्रणाम दुनिया में खुद हो कर हंसना सब से आसान है मगर अपने गमों कों भुलाकर औरों को हंसाना सब से मुश्किल काम है।दोस्तों,एक सार्वकालिक महान हास्य कलाकार अपनी कलाकारी में किस कदर खो जाने के बाद अपने दुखों को भूलकर करोड़ों कों उन के ज़िन्दगी के गमों कों भूलाकर हंसने और ठहाके लगवाने के जादू को बिखेरता है। दुनियाभर में इस हंसी के जादूगर को चार्ली चैपलिन के नाम से जाना जाता है।
हंसी और मुस्कानों के बेताज़ बादशाह चार्ली चैपलिन से बेहतर कौन जान सकता है।छोटी उम्र में ही मजबूरी के चलते मंच से नाता जुड़ा था,लेकिन वो मंच और दर्शकों की मुस्कान कब जीने की वजह बन गये उन्हें पता भी नहीं चला।आज चार्ली चैपलिन का 131 वा जन्मदिन है।*
यहां हम उनके कुछ ऐसे विचार बता रहे हैं जो आप हम सभी के लिए शायद हर हाल में खुशी से जीने की वजह बन जाये।
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"चार्ली चैपलिन के निजी ज़िन्दगी के तजुर्बे से जन्मे कुछ सुविचार"
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(1)मेरा दर्द किसी के लिए हंसने की वजह हो सकता है, पर मेरी हंसी कभी किसी के दर्द की वजह नहीं बनेगी।
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(2)असल ज़िन्दगी में हंसी का कारण वही चीज़ बनती है,जो कभी आप के दुख का कारण होती है।
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(3)सबसे दुखद जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूं,वो है विलासता का आदी होना।
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(4)हंसी के बिना बिताया हुआ हर दिन बर्बाद ही होता है।
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(5)हम सभी सोचते तो बहुत हैं,पर महसूस बहुत कम करते हैं।
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(6)किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है,जब वो नशे में होता है।
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(7)ज़िंदगी करीब से देखने में एक बहोत बड़ी त्रासदी है और दूर से देखने में कारुण्यमयी कॉमेडी।*
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(8)एक आवारा, एक सज्जन,एक कवी और सपने देखने वाला अकेला आदमी हमेशा ही रोमांस और रोमांच की उम्मीद करता है।
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(9)असफलता महत्वहीन है,अपना खुद का मज़ाक उड़ाने के लिए सबसे ज़्यादा हिम्मत चाहिए।
(10)सच में हंसने के लिए आप को अपनी खुद की पीड़ा के साथ खेलने में सक्षम होना पड़ता है।
*(11) मैं ईश्वर के साथ शांति से हूं, मेरा टकराव इंसानों से है।*
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(12)हंसी एक टॉनिक है, राहत है, दर्द को रोकने वाला नुस्खा है।
*चार्ली चैपलिन की ज़िंदगी में बहुत दुख थे, लेकिन उन दुखों को अपने सीने में दबाये जिस तरह से वो हंसी बांटते चले गये,वो हम सभी के लिए सीख है और उसी कला को और जज्बे को हमारे धोपावकर परिवार, अहमदनगर एवं पूरे विश्वभर के सभी मानवों की ओर से अत्यंत कृतज्ञता पूर्वक करोडों अरबों सलाम।

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