IPC Act 108 इस धारा के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु करने के लिए उकसाने पर अपराधी को उचित सजा सुनाई जाती हैं !!
धारा 108
इस धारा के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु करने के लिए उकसाने पर अपराधी को उचित सजा सुनाई जाती हैं।
इस अपराध को दुष्परेक भी कहा जाता हैं। अगर यह धारा किसी भी व्यक्ति पर लगती है और अपराध साबित हो जाता हैं तो उस व्यक्ति को हत्यारे के बराबर ही माना जाता है और उसे कैद की सजा के साथ जुर्माने का भुगतान भी करना पड़ता हैं। इस धरा के अंतर्गत ये सभी धाराएं भी शामिल होती है :
- आईपीसी धारा 109 - किसी भी व्यक्ति को अपराध के लिए उकसाये जाने पर दण्ड, और उसके उकसाने परिणामस्वरूप दुष्प्रेरित कार्य किया जाए।
- आईपीसी धारा 110 - दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है।
- आईपीसी धारा 111 - जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया हो और उससे भिन्न कार्य का दुष्प्रेरक का
- आईपीसी धारा 114 - अपराध के समय दुष्प्रेरक की घटनास्थल पर उपस्थिति।
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