मृत्यु जीवन का अंत नहीं है
मेरे सन्यासी मृत्यु का भी उत्सव मनाते हैं, क्योंकि मेरे लिए मृत्यु जीवन का अंत नहीं है, बल्कि वह तो जीवन का उत्थान है, एक परम शिखर है। वह जीवन का चरम है। यदि तुमने जीवन को ठीक से जिया है, यदि तुमने एक क्षण से दूसरे क्षण को उसकी पूर्णता में जिया है, यदि तुमने जीवन का सारा रस निचोड़ लिया है, तुम्हारी मृत्यु एक परम सुख होगी।
"मृत्यु जो सुख लाती है उसकी तुलना में संभोग का सुख कुछ भी नहीं है, परन्तु वह उसी व्यक्ति को मिलता है जिसे पूर्ण होने की कला आती है। मृत्यु जो सुख लाती है उसकी तुलना में संभोग का सुख फीका है।"
OSHO
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