जबरन वैक्सीनेशन कराना भारतीय संविधान के आर्टिकल (19)(1)(G) के अंतर्गत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका दाखिल हुए थी,जब कई इलाकों में अथॉरिटीज ने दुकानदारों,टैक्सी ड्राइवर जैसे लोगों से कार्य दोबारा शुरू करने से पहले वैक्सीनेशन कराने के लिए कहा था।
पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी कोई कार्यवाई नही कर सकती जो संविधान के आर्टिकल 19(1) के तहत मिले रोजीरोटी कमाने के अधिकार का उल्लंघन है।
हायकोर्ट ने कहा है कि जबरन वैक्सीनेशन कराना भारतीय संविधान के आर्टिकल (19)(1)(G) के अंतर्गत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हालांकि मुख्य न्यायाधीश बिस्वनाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वैक्सीनेशन वक्त की जरूरत है और कोविड महामारी को फैलने से रोकने में आवश्यक कदम भी है।
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