गिरफ्तार करने की शक्ति पुलिस के अहंकार में बहुत योगदान देती है और साथ ही इसे रोकने के लिए मजिस्ट्रेट की विफलता भी !! HC !!
Crpc 41ए अपनी संतुष्टि दर्ज करने के बाद ही,मजिस्ट्रेट हिरासत को अधिकृत करेगा ।
41ए सीआरपीसी का कड़ाई से पालन किया जाए।
यह भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के लिए एक उपयोगी उपकरण बन गया है, जिनमें संवेदनशीलता की कमी है या वे तिरछी मंशा से काम करते हैं।
पुलिस अधिकारी लिखित में कारणों को दर्ज करें w.r.t. गिरफ्तारी की आवश्यकता। मजिस्ट्रेट का कर्तव्य है कि वह अपनी आगे की हिरासत को अधिकृत न करे और गैरकानूनी या अनावश्यक रूप से गिरफ्तार होने पर आरोपी को रिहा कर दे।
बोलिनेनी राजगोपाल नायडू / बनाम /आंध्र प्रदेश राज्य। जेडीजीएमटी डीटी / 8 मार्च 2022
गिरफ्तारी की शक्ति पुलिस के अहंकार में बहुत योगदान देती है और साथ ही इसे रोकने के लिए मजिस्ट्रेट की विफलता भी।
इतना ही नहीं,गिरफ्तारी की शक्ति पुलिस भ्रष्टाचार के आकर्षक स्रोतों में से एक है। पहले गिरफ्तारी और फिर आगे बढ़ने का रवैया निंदनीय है।
498a आईपीसी केस मे जब आवश्यक हो तो सख्ती से यू / एस 41 मापदंडों को छोड़कर कोई स्वचालित गिरफ्तारी नहीं इस निर्णय में हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि पुलिस अधिकारी अभियुक्त को अनावश्यक रूप से गिरफ्तार न करें। और मजिस्ट्रेट यांत्रिक या आकस्मिक रूप से हिरासत को अधिकृत न करें।
अन्यथा मजिस्ट्रेट को उच्च न्यायालय द्वारा दोषपूर्ण निरोध के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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