भूख से व्याकुल रोनाल्डो ओर उनके दोस्त स्टेडियम से कुछ दूर स्थित मैकडोनाल्ड के पिछले दरवाजे को खड़काते हुए कहते कोई बचा हुआ बर्गर है तो दे दो प्लीज !!
भूख से व्याकुल रोनाल्डो ओर उनके दोस्त स्टेडियम से कुछ दूर स्थित मैकडोनाल्ड के पिछले दरवाजे को खड़काते हुए कहते कोई बचा हुआ बर्गर है तो दे दो प्लीज !!
मैकडोनाल्ड में काम करने वाली तीन लड़कियां दरवाजा खोलती ओर उन्हें बचे हुए बर्गर दे दिया करती !!कृष्ण-सुदामा की दोस्ती की तरह रही है रोनाल्डो-एड्ना की स्टोरी।कहानी गरीबी,दर्द,जज्बात ओर संघर्ष से भरी पड़ी हैं।
दुनिया के सबसे दौलतमंद खिलाड़ी रोनाल्डो गरीब परिवार से थे।खेलने के लिए घर से दूर लिस्बन (पुर्तगाल ) के फुटवाल स्टेडियम के पास रहते थे।
रात के दस-ग्यारह बजे भूख से व्याकुल रोनाल्डो ओर उनके दोस्त स्टेडियम से कुछ दूर स्थित मैकडोनाल्ड के पिछले दरवाजे को खड़काते हुए कहते कोई बचा हुआ बर्गर है तो दे दो प्लीज।मैकडोनाल्ड में काम करने वाली तीन लड़कियां दरवाजा खोलती ओर उन्हें बचे हुए बर्गर दे दिया करती।
कुछ सालों बाद रोनाल्डो स्पेन चले गए।वहां बार्सिलोना क्लब की तरफ से खेलने लगे ओर फिर मैनचेस्टर यूनाइटेड से।उनका सितारा इतना चमका कि वो दुनियां के सबसे अमीर खिलाड़ी बन गए लेकिन वो अपने गुरबत ओर सँघर्ष के दिनों की साथी उन तीन लड़कियों को नहीं भूले।
दूसरी तरफ जब रोनाल्डो स्टार बन गए तो उन तीन लड़कियों में से एक एड्ना अपने बच्चों को रोनाल्डो की स्टोरी सुनाया करती थी कि वो रोनाल्डो को बर्गर दिया करती थी।
एड्ना के बच्चे माँ की स्टोरी को ब्लफ समझते।
एक दिन रोनाल्डो ने एक टीवी इंटरव्यू में संघर्ष की साथी उन तीन मददगार लड़कियों को याद किया और उन्हें खोजने के लिए मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि वो उन तीनों लड़कियों के साथ सबसे महंगे कैफ़े में कॉफ़ी पीना चाहते हैं।
इंटरव्यू सुनकर एड्ना हैरान रह गई और उसके बच्चों को माँ की स्टोरी सच्ची लगने लगी।
एड्ना रोनाल्डो से मिलने पहुंची तो रोनाल्डो की खुशी का ठिकाना नहीं रह।रोनाल्डो वायदे के मुताबिक एड्ना को सबसे महंगे कैफ़े में ले गए।
कॉफी पी।उन दिनों को याद किया।एड्ना-रोनाल्डो के लिए यह अविस्मरणीय पल थे।
रोनाल्डो ने एड्ना को वो कैफ़े गिफ्ट कर दिया।रोनाल्डो समय निकालकर एड्ना के उस कैफ़े में उसके साथ कॉफ़ी पीने आते रहते हैं।
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