भारत में अपनी सुरक्षा और अपनी संपत्ति की रक्षा करना आपका मौलिक अधिकार है. इतना ही नहीं आपको अपने परिजनों की सुरक्षा का भी अधिकार मिला हुआ है.
परिस्थितियों में अगर आत्मरक्षा में किसी की जान चली जाती है तो राइट टू सेल्फ डिफेंस के तहत रियायत मिल सकती है.
गाली गलौज के खिलाफ राइट टू सेल्फ डिफेंस उपलब्ध नहीं है यानी अगर कोई आपको गाली देता है, तो आप इसके जवाब में उसको गाली नहीं दे सकते हैं. आत्मरक्षा का अधिकार सिर्फ फिजिकल हमले के खिलाफ ही उपलब्ध है.
आत्मरक्षा का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के अधिकार के तहत आता है.
अगर कोई आप पर डंडे से हमला करता है, तो आप भी आत्मरक्षा में डंडे का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन उस पर आप गोली नहीं चला सकते.
आईपीसी की धारा 103 के मुताबिक रात में घर में सेंध लगने, लूटपाट होने, आगजनी और चोरी होने जैसी परिस्थितियों में अगर आपको अपनी जान का खतरा है, तो आपको आत्मरक्षा का अधिकार है.
अगर किसी महिला को लगता है कि कोई व्यक्ति उस पर हमला करने वाला है या रेप करने की कोशिश करता है, तो वह अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर सकती है और यह उसका आत्मरक्षा का अधिकार होगा
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