पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा से गैंगरेप के बहुचर्चित मामले में विशेष न्यायाधीश सविता दुबे ने शनिवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले को जघन्य अपराध मानते हुए चारों आरोपियों को नेचुरल डेथ तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। घटना 31 अक्टूबर को क्या हुआ और दूसरे दिन 1 नवंबर को पीडि़त लड़की पूरे दिन अपने माता-पिता के साथ चार थानों के गुहार लगाती रही थी।
जब पीडिता गैंगरेप के लगभग चार दिन बाद मीडिया के सामने आई और सब कुछ हुए अन्याय की की जानकारी दी। लड़की ने बताया था कि वो और उसका परिवार सदमे में था, इस दौरान भी पुलिस का व्यवहार सबसे गंदा था। जीआरपी के टीआई अंकल बेहद बदतमीज थे। तीन-चार थानों के चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। एसपी रेल के बयान पर लड़की ने कहा है कि मैं उनके सामने गिड़गिड़ाती रही और वह हंसती रहीं। वो कैसी महिला हैं।
मामले के सभी चार आरोपी अभी सेंट्रल जेल में हैं। आरोपियों ने 31 अक्टूबर को विदिशा निवासी छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे गैंगरेप और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। मामले में करीब 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। सरकारी वकील रीना सक्सेना ने मामले की गंभीरता से लेते हुए अदालत से कड़ी से कडी सजा देने की मांग की।
इस मामले मे वकीलों ने केस लड़ने से भी मना किया था
इस कांड के बाद से ही पूरे प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गये | भोपाल के छह हजार वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया था। वहीं, कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था |
जब पीडिता गैंगरेप के लगभग चार दिन बाद मीडिया के सामने आई और सब कुछ हुए अन्याय की की जानकारी दी। लड़की ने बताया था कि वो और उसका परिवार सदमे में था, इस दौरान भी पुलिस का व्यवहार सबसे गंदा था। जीआरपी के टीआई अंकल बेहद बदतमीज थे। तीन-चार थानों के चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। एसपी रेल के बयान पर लड़की ने कहा है कि मैं उनके सामने गिड़गिड़ाती रही और वह हंसती रहीं। वो कैसी महिला हैं।
मामले के सभी चार आरोपी अभी सेंट्रल जेल में हैं। आरोपियों ने 31 अक्टूबर को विदिशा निवासी छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे गैंगरेप और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। मामले में करीब 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। सरकारी वकील रीना सक्सेना ने मामले की गंभीरता से लेते हुए अदालत से कड़ी से कडी सजा देने की मांग की।
इस मामले मे वकीलों ने केस लड़ने से भी मना किया था
इस कांड के बाद से ही पूरे प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गये | भोपाल के छह हजार वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया था। वहीं, कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था |
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