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प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है। Rti Act 2005

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चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों को सामान्यतः “व्यक्तिगत जानकारी” नहीं माना जा सकता, जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है। 11 नवंबर, 2024 को रिट याचिका में पारित आदेश द्वारा हाईकोर्ट ने RTI Act के तहत जिला कोर्ट, पुणे में जूनियर क्लर्क के पद पर भर्ती में खुद सहित अन्य उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा करने की मांग करने वाली प्रतिवादी की याचिका स्वीकार की थी। मा.कोर्ट ने कहा की विधानसभा ने धारा 8(1)(जे) के तहत सभी व्यक्तिगत जानकारी को छूट नहीं दी, बल्कि केवल ऐसी व्यक्तिगत जानकारी को छूट दी, जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है।  इसी तरह किसी सार्वजनिक पद पर चयन के लिए सार्वजनिक परीक्षा के संदर्भ में हमें संदेह है कि उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का प्रकटीकरण ऐसे उम्मीदवारों की गोपनीयता पर किसी भी तरह का अनुचित आक्रमण होगा।  विधानमंडल ने जानबूझकर “अनुचित” शब्द का इस्तेमाल किया है। इसलिए किसी व्यक्ति की निजता पर किसी भी तरह के आक्रमण को प्रकटीकरण से छूट नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट न...

Rti act में धारा 3 और 4 को,जिसने समज लिया उसे कभी भी Rti अर्जी में कोई भी समस्या ख़डी नहीं होंगी !!

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Rti act में धारा 3 और 4 को,जिसने भी समज लिया उसे कभी भी Rti अर्जी में कोई भी समस्या ख़डी नहीं होंगी !!

Rti Act धारा 2(f ) के आड़ में सुचना अधिकारी क्या आप को गुमराह कर रहा हैं ?

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Rti Act धारा 2(f ) के आड़ में सुचना अधिकारी क्या आप को गुमराह कर रहा हैं ?

सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना ​​याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा !! चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने !!

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सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना ​​याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा !! चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने !! चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने अनुज नाकाड़े द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर नोटिस जारी किया, प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में देश के सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना ​​याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा। आदेश सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की,"RTI, 2005 की धारा 6(1) में कहा गया कि जो व्यक्ति अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करना चाहता है, उसे भौतिक रूप से या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करके ऐसा करना होगा। यह प्रावधान दर्शाता है कि RTI आवेदक को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने का वैधानिक अधिकार है। हालांकि RTI Act 2005 में आया था, लेकिन 17 साल बाद भी कुछ ...