सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा !! चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने !!
सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा !!
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने !!
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने अनुज नाकाड़े द्वारा दायर अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया,
प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में देश के सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा।
आदेश सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की,"RTI, 2005 की धारा 6(1) में कहा गया कि जो व्यक्ति अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करना चाहता है, उसे भौतिक रूप से या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करके ऐसा करना होगा। यह प्रावधान दर्शाता है कि RTI आवेदक को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने का वैधानिक अधिकार है। हालांकि RTI Act 2005 में आया था, लेकिन 17 साल बाद भी कुछ हाईकोर्ट द्वारा ऑनलाइन वेब पोर्टल चालू नहीं किए जा सके हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और उड़ीसा हाईकोर्ट ने वेब पोर्टल स्थापित किए हैं। ऐसे पोर्टल 3 महीने के भीतर सभी हाईकोर्ट में स्थापित किए जाएंगे। हम रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध करते हैं कि वे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से प्रशासनिक निर्देश लें। NIC सभी रसद और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। याचिका का निपटारा किया जाता है।"
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