आधुनिक समय में पुलिस सूचना के नए तंत्र का प्रयोग कर रही है। इसमें सोशल साइट्स प्रमुख रूप से शामिल हैं। फेसबुक के अलावा कमिश्नरेट पुलिस सूचना तंत्र के रूप में वाट्सएप का सबसे ज्यादा उपयोग कर रही है। जयपुर कमिश्नरेट में इस समय आधा दर्जन से अधिक वाट्सएप नम्बर व ग्रुप काम में लिए जा रहे हैं।
इससे पुलिस को अपराध की रोकथाम के साथ ही अपराधियों को पकडऩे में भी मदद मिल रही है। महिलाओं से जुड़े अपराधों की रोकथाम में भी काफी मदद मिल रही है। मुखबिरी तंत्र में पुलिस को काफी पैसा भी खर्च करना पड़ता है।
आमजन के लिए वाट्सएप नम्बर
आमजन से सूचना के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने एक वाट्सएप नम्बर कुछ साल पहले जारी किया था। इस नम्बर पर आमजन अपराध व अपराधियों की सूचना के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली और उनके व्यवहार की भी जानकारी दे सकते हैं। इस माध्यम से मिलने वाली सूचना के आधार पर थानों व उसमें कार्यरत कर्मचारियों को नम्बर देकर रैकिंग की जा रही है। पिछले साल पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने आमजन के लिए 73003-63636 वाट्सएप नम्बर जारी किया था। इसकी निगरानी डीसीपी क्राइम कर रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के साथ बनाया ग्रुप
शहर में बढ़ते अपराध के मद्देनजर जयपुर पुलिस ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें सिक्योरिटी कम्पनियों और गाड्र्स को जोड़ा गया है। इसके माध्यम से पुलिस सुरक्षा गाड्र्स व कंपनियों को लगातार सचेत करती रहती है। प्रत्येक थाने का अलग ग्रुप है। गाड्र्स व सुरक्षा एजेंसियों से पुलिस को सूचना भी समय पर मिल जाती है।
शहर में बढ़ते अपराध के मद्देनजर जयपुर पुलिस ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें सिक्योरिटी कम्पनियों और गाड्र्स को जोड़ा गया है। इसके माध्यम से पुलिस सुरक्षा गाड्र्स व कंपनियों को लगातार सचेत करती रहती है। प्रत्येक थाने का अलग ग्रुप है। गाड्र्स व सुरक्षा एजेंसियों से पुलिस को सूचना भी समय पर मिल जाती है।
पुलिस अधिकारियों का ग्रुप
पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे को अपडेट रखने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें अपराध की सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचने और उसकी जानकारी शेयर की जाती है, ताकि वारदात को हल करने के लिए कोई भी सुझाव या अन्य जानकारी दे सकते हैं।
सीएलजी मेंबर व पुलिस का ग्रुप
सीएलजी मेंबर व थाना पुलिस का भी थाना स्तर पर एक वाट्सएप ग्रुप संचालित हो रहा है। इसमें सभी सीएलजी मेंबर अपने थाना क्षेत्र में अपराध व उससे संबंधित सूचना पुलिस को देते हैं। साथ ही इस ग्रुप के माध्यम से पुलिस और सीएलजी मेंबर का संवाद भी बना रहता है।
यातायात पुलिस का वाट्सएप नंबर
पिछले दिनों यातायात पुलिस ने सड़क हादसों की सूचना के लिए एक वाट्सएप नम्बर जारी किया था। इसमें आमजन से हादसों को रोकने के लिए सुझाव व कारणों की जानकारी मांगी जाती थी। इसके अलावा सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों का भी एक ग्रुप बना हुआ है। इसमें एसपी स्तर से लेकर डीजी स्तर के अधिकारी जुड़े हैं।
पुलिस व आमजन के बीच संवाद के लिए कई वाट्सएप ग्रुप चल रहे हैं। इनके माध्यम से अपराध की सूचना समय पर मिल जाती है और अपराधियों को पकडऩे में भी कई प्रकार की मदद मिल जाती है।
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