इस्लामाबाद पाकिस्तान में कथित रूप से संक्रमित खून चढ़ाए जाने के कारण थैलसेमिया से पीड़ित कम से कम दस बच्चे अब एचआईवी वायरस से पीड़ित हो गए हैं। स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण घातक वायरस के पांच से 16 साल के बीच के बच्चों में प्रवेश करने की खबर है। बुधवार को मामला सामने आने पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े समुदाय में शोक फैल गई।
डॉन ने खबर दी है कि पाकिस्तान के थैलसेमिया फेडरेशन के महासचिव डॉक्टर यास्मीन राशिद ने संक्रमित खून चढ़ाए जाने के कारण बच्चों में एचआईवी होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे एचआईवी पीड़ित पाए गए हैं लेकिन उन्होंने किसी एक व्यक्ति को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई व्यक्ति हैं जो असुरक्षित तरीके से खून चढ़ाते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने जांच के लिए कमिटी का गठन किया है जबकि पाकिस्तान इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) ने बच्चे का मुफ्त में इलाज करने का प्रस्ताव दिया है। पीआईएमएस के कुलपति डॉक्टर जावेद अकरम के मुताबिक एचआईवी पीड़ित बच्चो में छह इस्लामाबाद और रावलपिंडी के रहने वाले हैं।
डॉन ने खबर दी है कि पाकिस्तान के थैलसेमिया फेडरेशन के महासचिव डॉक्टर यास्मीन राशिद ने संक्रमित खून चढ़ाए जाने के कारण बच्चों में एचआईवी होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे एचआईवी पीड़ित पाए गए हैं लेकिन उन्होंने किसी एक व्यक्ति को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई व्यक्ति हैं जो असुरक्षित तरीके से खून चढ़ाते हैं।
Comments