मेंरे हर संन्यासी का घर
आश्रम बन जाना चाहिए
वहां से सुगंध उठनी चाहिए..
वहां से दूर -दूर तक
सुवास पहुंचानी चाहिए ।
इतना मैं तुम्हें कह देना चाहता हूं
कि करोड़ो लोग प्यासे हैं ।
तुम जहां भी जाओ,
मेरी खबर ले जाओ।
तुम इस ढंग से जीओ,
तुम इस आनंद और मस्ती से जीओ;
तुम इस पागलपन से जीओ और
श्रद्धा से जीओ कि दूसरे भी
तुम्हारे पास आकर मस्त होने लगें..
उनके जीवन में नृत्य की
शुरुआत हो जाए ..
ओशो
आश्रम बन जाना चाहिए
वहां से सुगंध उठनी चाहिए..
वहां से दूर -दूर तक
सुवास पहुंचानी चाहिए ।
इतना मैं तुम्हें कह देना चाहता हूं
कि करोड़ो लोग प्यासे हैं ।
तुम जहां भी जाओ,
मेरी खबर ले जाओ।
तुम इस ढंग से जीओ,
तुम इस आनंद और मस्ती से जीओ;
तुम इस पागलपन से जीओ और
श्रद्धा से जीओ कि दूसरे भी
तुम्हारे पास आकर मस्त होने लगें..
उनके जीवन में नृत्य की
शुरुआत हो जाए ..
ओशो
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