केरल की एक सामूहिक बलात्कार पीड़ित महिला ने जब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवानी चाही तो पुलिस ने उससे सवाल किया कि उसे किसके साथ अधिक मज़ा आया.
पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुआ कहा कि पुलिस स्टेशन में उसे दी गई मानसिक प्रताड़ना असहनीय थी.
वारदात दो साल पहले की है लेकिन ये सुर्ख़ियों में तब आई जब डबिंग अभिनेत्री भाग्यलक्ष्मी ने इसे फ़ेसबुक पर पोस्ट किया.
गुरूवार को भाग्यलक्ष्मी और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ता माला पार्वती ने पीड़ित महिला और उसके पति के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
पीड़ित महिला ने त्रिशूर के सीपीएम पार्षद जयंदन, बिनेश, जिनेश, और शीबू पर सामूहिक बलात्कार के आरोप लगाए हैं.
33 साल की इस पीड़िता का कहना कि प्रताड़ना और धमकियों के डर से उसे मुक़दमा दर्ज करवाने में डेढ़ साल का वक़्त लग गया.
आख़िरकार 14 अगस्त 2016 को उन्होने हिम्मत जुटाई और शिकायत दर्ज करवाई.
प्रेस कॉन्फ्रेस में पीड़िता और उनके पति अपना चेहरा ढंक कर पहुंचे.
पीड़िता ने कहा कि पुलिस और राजनीतिक दबाव देकर उन्हें बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़िता ने बताया '' उन्होने धमकी दी कि अगर मैंने सच बोला तो वो मेरे बच्चों को मार देंगे. जब जज ने मुझसे पूछा कि क्या मुझ पर कोई दबाव है तो मैं रो पड़ी.''
इस बीच प्रताड़नाओं से तंग आकर पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस ले ली.
उन्होंने मुख्यमंत्री पिनारई विजयन से भी मुलाक़ात की है.
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