जनहित में जारी !
सिविलियन थल सेना , नौसेना और वायुसेना की ड्रेन ना पहनें और तमगे ना लगाएं।
राष्ट्रीय ध्वज को सही तरीके से फहराएं औऱ रखें। ध्वज का अपमान ना करें।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान या नशा ना करें ।
महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार ना करें ।
झूठी धारणाएं और अफवाहें ना फैलाएं।
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं।
जरुरी बातों का ध्यान रखें
देश के कानूनों , राष्ट्रीय प्रतीकों, सार्वजनिक संस्थानों , संविधान और दूसरों की गरिमा का ध्यान रखें
किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से गैरकानूनी सुविधाओं की मांग ना करें ।
किसी भी मामले में अदालत जाने से पहले सुलह-सफाई से सुलझाने की कोशिश करें।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों की मदद करें। जैसे-किसी अपराध के बारे में पुलिस को बताएं,कर्फ्यू का उल्लंघन ना करें।
सामान्य कानूनी प्रावधान
संविधान और कानून की नजर में सभी बराबर हैं और सभी को कानूनी संरक्षण पाने का अधिकार है ।
मूल अधिकारों का उल्लंघन होने पर आप सीधे उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय में जा सकते हैं ।
अपने जानमाल की रक्षा के लिए काम कर सकते हैं । ये अपराध नहीं माने जायेंगे । जैसे बाढ़ आने पर बस्ती को बचाने के लिए नहर को तोड़ देना, मरीज की जान बचाने के लिए उसका पैर काट देना।
आत्मरक्षा के लिए हमलावर पर हमला कर सकते हैं , लेकिन एक सीमा तक ही ऐसा कर सकते हैं ।
राष्ट्रीय गौरव अपमान
राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा के अन्तर्गत तीन वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। इस धारा को जमानतीय घोषित नहीं किया गया है इस कारण से यह धारा अपराध अजमानतीय है। अजमानतीय होने के कारण इस धारा के अन्तर्गत अभियुक्त को गिरफ्तार कर के मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना आवश्यक है।
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