रायपुर| धमतरी जिले में दिल दहला देने वाले बहुचर्चित दो हत्याकांडों में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 5 लोगों की जान लेने वाले साइको किलर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आईजी प्रदीप गुप्ता दोनों बहुचर्चित मर्डर केस का खुलासा करते हुए बताया कि साइको किलर ने खपरी मर्डर केस अवैध संबंध के चलते की जबकि तेलिनसत्ती में लूट की वारदात को अंजाम देने पर। इसी बीच धमतरी के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह भी मौजूद थे।
धमतरी के ग्राम खपरी में डेढ़ साल पहले मां और बेटी की बेरहमी से हत्या हुई थी। वहीं 7 महीने पहले ग्राम तेलिनसत्ती में हत्यारों ने पति-पत्नी और मासूम बच्चे का मर्डर कर दिया था।साइको किलर गिरफ्तार11 महीने के अंतराल में ग्राम खपरी और तेलीनसत्ती में 5 लोगों के हुए ब्लाइंड मर्डर मामले में पुलिस को साइको किलर तक पहुंचने में सफलता मिली। इस मामले में पुलिस ने ग्राम तेलीनसत्ती के जितेन्द्र धु्रव (30 वर्ष) को गिरतार कर लिया है।
खपरी दोहरा हत्याकांड :– 16-17 अगस्त 2016 की रात अर्जुनी थाना अंतर्गत ग्राम खपरी में रहने वाली रुखमणी बाई पति मानसिंग बांडे (50 वर्ष) और उसकी बेटी पार्वती बांडे (20 वर्ष) खाना खाने के बाद अपने घर के कमरे में सोए थे। दरिंदों ने घर में घुसकर पहले बेटी के साथ अनाचार किया। इसके बाद मां और बेटी पर धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इस मामले की जानकारी 18 अगस्त की शाम तब लगी जब पार्वती का भाई देवानंद घर पहुंचा। उसने देखा घर भीतर मां और बहन की लाश खून से लथपथ पड़ी है। देवानंद ने आसपास के लोगों एवं पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने मौके में पहुंचकर जांच की। इस मामले में पुलिस को भाई के ऊपर ही शक था। लेकिन जांच में अन्य तस्वीरों ने नया मोड़ दे दिया। घटनास्थल पर खून से सना फावड़ा बरामद किया गया था।
तेलीनसत्ती तिहरा हत्याकांड:- 12-13 जुलाई 2017 की रात ग्राम तेलीनसत्ती के महेन्द्र सिन्हा पिता रामसिंग (38 वर्ष), उसकी पत्नी उषा सिन्हा (32 वर्ष), छोटा बेटा महेश उर्फ लक्की (11 वर्ष) और बड़ा बेटा त्रिलोक उर्फ राजा (13 वर्ष) पर अज्ञात हमलावर ने वजनदार हथियार से वार कर दिया, जिससे मौके पर ही महेन्द्र, उसकी पत्नी और छोटे बेटे लक्की की मौत हो गई। जबकि महेन्द्र का बड़ा पुत्र त्रिलोक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसकी एक आंख खराब हो गई। फिलहाल वह अपने मामा के घर रहता है। पुलिस ने इस मामले में पहले तो महेन्द्र के रिश्तेदार पर भी शक किया था। लेकिन ऐसा हत्या का कोई आधार नहीं बना।
ऐसे हुई सीरियल किलर की पहचान :- ग्राम खपरी एवं तेलीनसत्ती में हुए 5 लोगों की हत्या के मामले में आरोपी कोई 2-3 नहीं बल्कि एक ही युवक जितेन्द्र पिता अवधराम (30 वर्ष) ग्राम तेलीनसत्ती निवासी है। जिसने पूरी प्लानिंग के साथ इन हत्याओं को अंजाम दिया। जितेन्द्र पेशे से मजदूर है। जितेन्द्र का आना-जाना दोनों परिवार में रहा। पुलिस को अपनी जांच में काफी माथा-पच्ची करनी पड़ी। इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने साढ़े 3 लाख मोबाइल नंबरों को खंगाला। इसके अलावा तेलीनसत्ती, खपरी, भानपुरी, अर्जुनी, देमार, उसलापुर के समेत आसपास के गांवों के 20 से 30 वर्ष उम्र वाले युवकों की मतदाता सूची की जांच की गई। वोटर लिस्ट की जांच में 25 से 35 लोगों को चिन्हांकित कर एक-एक युवकों की गतिविधियों पर जानकारी रखने के लिए पुलिस को लगाया गया। 4 महीने तक पुलिस लगातार युवकों पर नजर रखे रही।
खपरी हत्याकांड को क्यों दिया अंजाम :- आरोपी जितेन्द्र धु्रव जब ट्रैक्टर से ईंट ढुलाने का कामकर रहा था तब उसका आना-जाना खपरी में भी रहा। इसी बीच जितेन्द्र का संपर्क पार्वती से हो गया। दोनों के बीच संपर्क बढऩे के बाद लुक-छिपकर घर तक भी आना-जाना बढ़ गया। जितेन्द्र 16-17 अगस्त 2016 की रात जब खपरी में पार्वती के घर पहुंचा तब उसकी मां ने दोनों को संदिग्ध हालत में देख लिया। आरोपी ने बदनामी के भय से पहले पार्वती की मां रूखमणी बाई को मौत के घाट उतारा। कुछ देर बाद पार्वती की हत्या कर दी। पुलिस को जितेन्द्र पर शक नहीं हुआ। जिसके कारण वह बच रहा था। आरोपी का सिन्हा परिवार में आना-जाना था।आरोपी खपरी हत्याकांड को अंजाम देेने के बाद सिन्हा दंपती को भी मौत के घाट उतारने में पीछे नहीं हटा। आरोपी जितेन्द्र का महेन्द्र सिन्हा के घर आना-जाना था। चूंकि महेन्द्र की पत्नी उषा जेवर गिरवी रखने का काम करती थी। जिसकी जानकारी जितेन्द्र को भी थी। उसने योजना बनाई कि महेन्द्र सिन्हा के घर की आलमारी में रखे जेवरों की चोरी कर फरार होना है। जब वह जेवर चोरी कर रहा था तभी परिवार के सदस्य जाग गए और उसने सभी पर प्राणघातक हमला कर दिया। आरोपी हत्या को अंजाम देने के बाद उनके घर से करीबन ढाई लाख रुपए के सोना-चांदी लेकर भागने में भी कामयाब रहा। किराए के घर में रहता है आरोपीखपरी-तेलीनसत्ती हत्याकांड का आरोपी जितेन्द्र मूलत: भोपाल का रहने वाला है। 4 साल पहले वह अपने मामा के घर तेलीनसत्ती आया था। शादी के बाद वह इतवारी सिन्हा के घर में किराए में रहता था। आरोपी जितेन्द्र और मृतक महेन्द्र सिन्हा के घर की दूरी महज एक फर्लांग है।
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