Skip to main content

इस तरह आधार कार्ड बन जायेगा आम आदमी के गले का फंदा!

आधार कार्ड के मूल आधार को जाने उसी कि तरह लागू करे बिना ..... यूही चलता रहेगा लोगो को गेंद कि तरह खेलना

📰 खबर:- सुप्रीम ⚖ कोर्ट ने आधार की डेडलाइन बढ़ाई, फैसला आने तक बैंक, मोबाइल, पासपोर्ट के लिए आधार जरुरी नहीं ❌❌❌.....


- सभी सरकारी, गैरसरकारी, पहचान पत्रों एवं वित्तीय लेनदेन के लिए आधार कार्ड को प्रमुख दस्तावेज बनाने का सिलसिला

आज से करीब 14 वर्ष पूर्व ही हमने उस समय कार्यरत राष्ट्रपति महोदय डॉ एपी. जे. अब्दुल कलाम को देश की सारी समस्याएँ दुर करने के सिर्फ दो क़ानूनी प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था |

इसमें पहला था "आल इंडिया आइडेंटिफिकेशन नंबर" व दुसरा था "सिंगल कम्प्लेन सिस्टम" | इसके बाद ही नीलकणी जी के नेतृत्व में आधार कार्ड प्राधिकरण की स्थापना हुई इसका आधार उनके द्वारा इस पर लिखी पुस्तक को बनाया गया | इसमें वैज्ञानिक तरीको से शारीरिक विशिष्टता (आखो की पुतली, अंगुलियों के निशान) को सूचक के रूप में इस्तेमाल करने का आधार बनाया गया |

समय के पीछे-पीछे अब इतने वर्षो के बाद सरकार आधार कार्ड को आल इंडिया आइडेंटिफिकेशन नंबर के रूप में परिवर्तित कर रही है | हमारे सुझाव के साथ हमने आज तक जारी सभी परिणाम आधारित सुझाव के समान लागु करने का तरिका बताया ही नहीं था |

हमें क्या आपको भी अच्छी तरह पता है कि टी.वी., फ्रीज़, लेपटॉप, साइकिल, साडीया, गेहू, चावल इत्यादि-इत्यादि मुफ्त बाटकर बनने व चलने वाली सरकारे "मुफ्त-खोर" होती है ज्यो आपके द्वारा अनुभव आधारित सुझाव, प्रक्रिया, कार्य की बौद्धिक सम्पदा को लूट/कसोट/क़ानूनी दांव-पेचो में उलझाकर बिना नाम के चलती है व कुर्सीधारी लोगो के फीता काट व अपनी फोटो अपने ही थूक से चिपका के सारे क्रेडिट को उड़ा डालती है व असली हकदार की आवाज को अपनी व्यक्तिवादी अंधभक्तो की आवाजों/नारो व लगातार दुसरो को अनसुना कर चिल्ला-चिल्ला के अपनी बात बोलकर सभ्य बहस के भी चिथड़े-चिथड़े करके मटियामेट कर डालती है |

एकीकृत शिकायत प्रक्रिया क्या है व एक राष्ट्रीयकृत पहचान पत्र का आपस में क्या सम्बद्ध है यह कौनसी प्रक्रिया के लागू होते है व व्यवस्था से कैसे जुड़ते है | इससे विकसित लोकतान्त्रिक व्यवस्था निर्माण के साथ पारदर्शिता कैसे रहती है व इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सरकारी पैसा खर्च न होकर उसकी आय कैसे बढ़ती है व आम लोगो के लिए लाखो नौकरियों व कही सारे रोजगार कैसे मिलते है यह सभी बाते तो हमने बताई ही नहीं जो क्रियान्यवन के साथ जुड़ी है ताकि भविष्य में भी हमारी सच्चाई बनी रह सके |

वर्तमान की प्रक्रिया में करोडो रुपये सरकार के खर्च हो रहे है व असली सोच के विरुद्ध होने के कारण नोकरियो में कमी हो रही है | आधार की एकीकृत प्रक्रिया सिर्फ टैक्स व पेनल्टी के माध्यम से मूल रूप से सरकारी आय बढ़ाने पर केंद्रित हैं इससे लोगो को मिलने वाले फायदे गौण हो रहे है |

हम मानते है भविष्य में अपराध कम करने व कर चोरी के मामले रुकेंगे परन्तु जिस तरीके से हो रहा है उससे बेईमानो को पकड़ने में जिंतना समय लगेगा व आर्थिक एवं सामजिक रूप से जितना भुगतान करेगा उसमे तो वर्तमान ईमानदार आदमी टुट जायेगा व निराशा के अन्धकार में चला जायेगा |

आज लोकतंत्र जितना पुराना व विकृत हो चुका है व जिस तरह "मजबूर-तंत्र" बन चुका है उससे लोगो की जानकारियों का संकलित डाटा निकालकर भी भ्रमित किया जा सकेगा | तकनिकी एरर के माध्यम से व्यक्ति विशेष को मजबूर व उसे अवसाद में ले जाकर "आत्महत्या" की ओर धकेला जा सकता है | यह कैसे संभव है ? .................. हम आम लोगो के हित में इसका तरिका नहीं बता रहे है |

आजकल जिस तरह मोबाइल कम्पनिया अलग-अलग नम्बर पर अलग-अलग स्कीम सिर्फ आपके लिए के टैग के साथ देती है वो मार्ग भी "आधार कार्ड" को आम लोगो के लिए गले का फंदा बनते देर नहीं लगायेगा |

स्कूलो में मिडडे का पैसा, सरकारी बसों के पास से काम हुआ पैसा, सब्सिडी का पैसा इत्यादि-इत्यादि आधार कार्ड के माध्यम से आपके बैंक खाते में भेजने की प्रक्रिया को हम पहले ही बता चुके है व आकड़ो के खेल में ईन्सान कैसे कोटियाँ बनके व्यक्तिवादी लोगो की सरकार, मेरी पार्टी की सरकार व हमारी जाति विशेष की सरकार के फासे के नंबरों पर कब द्रुत-क्रीड़ा बन जाती है इससे भी हमने इंगित कर दिया था |

Comments

Popular posts from this blog

पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता।                                                        महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खु‍शकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहना था कि उसने अपना कौमार्य एक ट्रैम्पोलाइन पर खोया। ट्रैम्पोलाइन वह मजबूत और सख्त कैनवास होता है, जिसे ‍स्प्रिंग के सहारे कि

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 बिजली के समस्या के लिये आप Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 पर अपनी बिजली से सबंधित शिकायत कर सकते है। या Torrent Power ऑफिस जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। या उनके ईमेल id पर भी शिकायत कर सकते हो। To,                            Ass.Manager Torrent Power Ltd चद्ररगन रेसिटेंसी,नियर कल्पतरु जेवर्ल्स,शॉप नंबर-234, दिवा ईस्ट । consumerforum@torrentpower.com connect.ahd@torrentpower.com

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री #एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे #कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से #ठाणे रेलवे पर स्टेशन आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !!

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!