Skip to main content

असल जन्म दिन ! Osho !

जन्म का ठीक दिन वह नहीं है, 
जिसको हम जन्म-दिन कहते हैं
उसके ठीक नौ महीने पहले 
असली जन्म हो चुका
जिसे हम जन्म-दिन कहते हैं,
वह तो मां के शरीर से मुक्त होने का दिन है, 
जन्म का दिन नहीं नौ महीने तक 
सेटेलाइट था आपका शरीर ; 
मां के शरीर के साथ घूमता था, 
उपग्रह था अभी इतना समर्थ न 
था कि स्वयं ग्रह हो सके
इसलिए घूमता था ; सेटेलाइट था
अब इस योग्य हो 
गया कि मां से मुक्त हो जाए, 
अब अलग जीवन शुरू करे
लेकिन जन्म तो उसी दिन हो गया, 
जिस दिन गर्भ धारण हुआ है
तो लामाओं ने इस पर और 
गहरे प्रयोग किए हैं और नौ महीने 
की स्मृतियां भी उठाने में सफल हुए हैं
जब मां क्रोध में होती है, 
तब भी बच्चे की पेट में स्मृति बनती है
जब मां दुखी होती है, 
तब भी बच्चे की स्मृति बनती है
जब मां बीमार होती है, 
तब भी बच्चे की स्मृति बनती है
क्योंकि बच्चे की देह मां की 
देह के साथ संयुक्त होती है
और मां के मन और देह 
पर जो भी पड़ता है, 
वह संस्कारित हो जाता है बच्चे में
इसलिए अक्सर तो माताएं 
जब बाद में बच्चों के लिए रोती हैं 
और पीड़ित और परेशान होती हैं, 
उनको शायद पता नहीं कि उसमें 
कोई पचास प्रतिशत हिस्सा तो उन्हीं का है,
जो उन्होंने जन्म के पहले ही 
बच्चे को संस्कारित कर दिया है
अगर बच्चा क्रोध कर रहा है, 
और गालियां बक रहा है, 
और दुखी हो रहा है, 
और दुष्टता बरत रहा है, 
तो मां सोचती है कि यह कहां से, 
कैसे ये सब कहां सीख गया! दिखता है, 
कहीं दुष्ट-संग में पड़ गया है।
दुष्ट-संग में बहुत बाद में पड़ा होगा; 
दुष्ट-संग में बहुत पहले नौ महीने तक पड़ चुका है
और नौ महीने बहुत संस्कार संस्कारित हो गए हैं……….💗
|| ओशो ||
गीता दर्शन–(प्रवचन–020)

Comments

Popular posts from this blog

पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता।                                                        महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खु‍शकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहना था कि उसने अपना कौमार्य एक ट्रैम्पोलाइन पर खोया। ट्रैम्पोलाइन वह मजबूत और सख्त कैनवास होता है, जिसे ‍स्प्रिंग के सहारे कि

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 बिजली के समस्या के लिये आप Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 पर अपनी बिजली से सबंधित शिकायत कर सकते है। या Torrent Power ऑफिस जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। या उनके ईमेल id पर भी शिकायत कर सकते हो। To,                            Ass.Manager Torrent Power Ltd चद्ररगन रेसिटेंसी,नियर कल्पतरु जेवर्ल्स,शॉप नंबर-234, दिवा ईस्ट । consumerforum@torrentpower.com connect.ahd@torrentpower.com

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री #एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे #कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से #ठाणे रेलवे पर स्टेशन आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !!

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!