इस घोटाले में भी हमारे देश के नेताओं के शामिल होने के सबूत मिले थे. हालांकि बाद में ये सभी नेता बेदाग साबित हो गए थे. हवाला घोटाला साल 1996 में सबके सामने आया था. कहा जाता है कि हवाला के जरिए कई नेताओं, अफसरों और कश्मीरी चरमपंथियों को पैसे दिए गए थे.
कैसे आया ये मामला सामने
ये घोटाला उद्योगपति बी आर जैन की एक डायरी के जरिए सबके सामने आया था. कहा जाता है कि सीबीआई ने जैन सहित उसके भाईयों के दफ्तरों पर छापे मारे थे. जिसके बाद सीबीआई के हाथों में एक डायरी लगी थी. इस डायरी में देश के कई नेताओं के नाम थे, जिनको हवाला के जरिए पैसे दिए गए थे. दरअसल पुलिस ने दो कश्मीरी व्यक्ति को गिरफ्तार किया था और इनके पास से लाखों रुपए मिले थे. इस मामले को लेकर जैन के घर और दफ्तर पर ये छापे मारी की गई थी. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के नाम अशफाक हुसैन लोन और शहाबुद्दीन था. जिसके बाद पुलिस ने ये छापे मारी थी. इन दोनों को सीबीआई के डीआइजी ओपी शर्मा द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
क्या था डायरी में
कहा जाता है कि उस डायरी में जिन-जिन लोगों को हवाला के जरिए पैसे दिए गए थे उनके नाम थे. इतना ही नहीं उनके नाम के साथ वो राशि में लिखी गई थी, जितनी उनको दी गई है. डायरी के अंदर लालकृष्ण आडवाणी, अर्जुन सिंह, शरद यादव और कई नेताओं के नाम थे. ये मामला लंबे समय तक कोर्ट में चलता रहा और बाद में इन सभी नेताओं को कोर्ट ने बेदाग बरी कर दिया. इस घोटाले के बारे में सबसे पहले जनसत्ता खबर मे खबर छपी थी.
क्या होता है हवाला
हवाला के जरिए काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचा जाता है. हवाला के जरिए एक देश से दूसरे देश में पैसों को आसानी से भेजा जा सकता है. इसके जरिए देश के बड़े कारोबार अपने काले धन को सफद भी किया करते हैं.
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