कैसी भी स्थिति हो, कैसा भी मनुष्य हो, कैसे भी लोग हों तुम्हारे आस-पास, कैसा ही परिवार हो, कैसे ही संबंधी हों, तुम एक बात खयाल रखना, उन सब के बावजूद तुम प्रेम के दीये को बचा लेना। क्योंकि उससे ही तुम बचोगे। इनके धोखे तो सपने जैसे हैं, पानी पर खींची लकीरें हैं बनेंगी, मिट जाएंगी। किसी ने तुम्हारी जेब से चार पैसे निकाल लिए; क्या बनता-बिगड़ता है? थोड़ी-बहुत देर बाद तुम अपने ही हाथ से निकालते; किसी दूसरे हाथ ने वह काम कर दिया है। धन्यवाद देना और आगे बढ़ जाना।
जीसस ने कहा है, कोई तुमसे कोट छीन ले, कमीज भी दे देना; मगर प्रेम को बचाना। कोई तुमसे कहे एक मील बोझा ढो चलो, तुम दो मील तक साथ चले जाना; क्योंकि हो सकता है, संकोची आदमी, दो मील ले जाना चाहता हो और एक ही मील कहा; मगर प्रेम को बचा लेना। क्योंकि जो प्रेम करेगा, वह परमात्मा को जानेगा। क्योंकि परमात्मा प्रेम है।
अगर तुम एक ही बात को बचा लो जीवन में तो कुछ चिंता करने की जरूरत नहीं है। छोड़ दो फिक्र परमात्मा की, छोड़ दो फिक्र मोक्ष की; अगर प्रेम का दीया बच गया तो सब बच जाएगा।
ओशो🌷
जीसस ने कहा है, कोई तुमसे कोट छीन ले, कमीज भी दे देना; मगर प्रेम को बचाना। कोई तुमसे कहे एक मील बोझा ढो चलो, तुम दो मील तक साथ चले जाना; क्योंकि हो सकता है, संकोची आदमी, दो मील ले जाना चाहता हो और एक ही मील कहा; मगर प्रेम को बचा लेना। क्योंकि जो प्रेम करेगा, वह परमात्मा को जानेगा। क्योंकि परमात्मा प्रेम है।
अगर तुम एक ही बात को बचा लो जीवन में तो कुछ चिंता करने की जरूरत नहीं है। छोड़ दो फिक्र परमात्मा की, छोड़ दो फिक्र मोक्ष की; अगर प्रेम का दीया बच गया तो सब बच जाएगा।
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