महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओ के हत्यारो को फाँसी की सजा दिलवाने के लिए आगे आए समाज सेवी इन्होने कहा कि दस लाख (1000000/) रूपये इनाम साधुओ के हत्यारो को फांसी दिलाने वाले वकील को इनके द्वारा -
साधु - संतो को जानवर रूपी भीड़ द्वारा बेरहमी से हत्या की वीडियो देखकर दिल दहल जा रहा है, ध्यान कहीं और जा ही नही रहा,बहुत बड़े आंदोलन की ज़रूरत पड़ेगी,अगर न्याय नहीं मिलता है,!
पुलिस वालो को उम्रकैद की सज़ा होनी चाहिए व सारे अपराधियो को फांसी की सज़ा हो साथ ही साथ सारे संबंधित पुलिस अधिकारी को नौकरी से बर्खाश्त किया जाना चाहिए, और इस नृशंस हत्या की जाँच सीबीआई से होनी चाहिए,क्योकी महाराष्ट्र सरकार की जाँच पे किसी को विश्वास नही है, हिन्दुस्तान मे ही हिंदुओ के अंदर दहशत बनाने की कोशिश की जा रही है। जहाँ लगभग एक हज़ार जानवरो की भीड़ इस हत्याकांड मे शामिल थे वहां सिर्फ 110 लोगो की गिरफ्तारी नाकाफी है. मेरा व्यक्तिगत मानना है कि उन जानवरो से ज्यादा दोषी पुलिसकर्मी थे, जो बिना पर्याप्त सुरक्षा लिए उस आउट हाउस से उन दिवंगत साधु को बाहर निकाला क्यूँ ? सरकार की ख़ुफ़िया तन्त्र फेल क्यूँ ? इनसब पे एन एस एस और मकोका भी लगना चाहिए। एक महीने मे इन कुत्तो को फांसी होनी चाहिए। एस आई टी द्वारा फास्ट ट्रायल कोर्ट मे केस को लाकर एक महीने मे फांसी चाहिए।
सबसे ताज्जुब मे हूँ कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग इतने खामोश क्यूँ है, क्या उन्हे इंसानियत और इस देश से कोई लेना देना नही है क्या ?
मोदी जी आप चुप क्यूँ है? अब आपके लिए कौन आवाज़ उठायेगा? अब आपके लिए कौन "हर हर मोदी, घर घर मोदी" बोलेगा ?
खैर अगर कोई भी वकील अगर इन्हे फांसी की सज़ा दिलवाते हैं उन्हे मैं पाँच लाख इक्कावन हज़ार रुपये इनाम स्वरूप दूंगा !
साधु - संतो को जानवर रूपी भीड़ द्वारा बेरहमी से हत्या की वीडियो देखकर दिल दहल जा रहा है, ध्यान कहीं और जा ही नही रहा,बहुत बड़े आंदोलन की ज़रूरत पड़ेगी,अगर न्याय नहीं मिलता है,!
पुलिस वालो को उम्रकैद की सज़ा होनी चाहिए व सारे अपराधियो को फांसी की सज़ा हो साथ ही साथ सारे संबंधित पुलिस अधिकारी को नौकरी से बर्खाश्त किया जाना चाहिए, और इस नृशंस हत्या की जाँच सीबीआई से होनी चाहिए,क्योकी महाराष्ट्र सरकार की जाँच पे किसी को विश्वास नही है, हिन्दुस्तान मे ही हिंदुओ के अंदर दहशत बनाने की कोशिश की जा रही है। जहाँ लगभग एक हज़ार जानवरो की भीड़ इस हत्याकांड मे शामिल थे वहां सिर्फ 110 लोगो की गिरफ्तारी नाकाफी है. मेरा व्यक्तिगत मानना है कि उन जानवरो से ज्यादा दोषी पुलिसकर्मी थे, जो बिना पर्याप्त सुरक्षा लिए उस आउट हाउस से उन दिवंगत साधु को बाहर निकाला क्यूँ ? सरकार की ख़ुफ़िया तन्त्र फेल क्यूँ ? इनसब पे एन एस एस और मकोका भी लगना चाहिए। एक महीने मे इन कुत्तो को फांसी होनी चाहिए। एस आई टी द्वारा फास्ट ट्रायल कोर्ट मे केस को लाकर एक महीने मे फांसी चाहिए।
सबसे ताज्जुब मे हूँ कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग इतने खामोश क्यूँ है, क्या उन्हे इंसानियत और इस देश से कोई लेना देना नही है क्या ?
मोदी जी आप चुप क्यूँ है? अब आपके लिए कौन आवाज़ उठायेगा? अब आपके लिए कौन "हर हर मोदी, घर घर मोदी" बोलेगा ?
खैर अगर कोई भी वकील अगर इन्हे फांसी की सज़ा दिलवाते हैं उन्हे मैं पाँच लाख इक्कावन हज़ार रुपये इनाम स्वरूप दूंगा !
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