My Photography
यह कोई खेल का मैदान नही है। यह डोबीवली ठाणे वेस्ट का श्मशान भूमि है। जिस पर मैच खेलते हूवे वहा के स्थानिक बच्चेओ का फ़ोटो मैं हमने कैच किया है। मैदान के अभाव के कारण और हर जगह बिल्डर लॉबी के माध्य्म से जमीन पर कब्ज़ा कर के उसे बॉण्डरी लगाने से आज बच्चेओ को वहाँ के श्मशान के अंदर खेलने मैं मजबूर हो गये है। खेल मैदान के नाम पर एक ही वेस्ट मैं भाग्य शाला मैदान ही रह गया है। उस पर भी वहा के नेता गन राजनीतिक कार्यक्रम के नाम पर आये दिन भाग्य शाला मैदान पर प्रोग्राम करते रहते है। आखिर बच्चे खेलने जाए तो भी कहा ? डोंबिवली की राजनीति का यह आलम है।
जनता इस पोस्ट को जरूर वारयल करेंगे। ताकि भाग्य शाला मैदान को इन राजनेता के प्रोग्राम से मैदान मुक्त कर सकें।और हमारे बच्चे इस तरह से श्मशान के भूमि पर खेलने पर मजबूर ना हो।
यह कोई खेल का मैदान नही है। यह डोबीवली ठाणे वेस्ट का श्मशान भूमि है। जिस पर मैच खेलते हूवे वहा के स्थानिक बच्चेओ का फ़ोटो मैं हमने कैच किया है। मैदान के अभाव के कारण और हर जगह बिल्डर लॉबी के माध्य्म से जमीन पर कब्ज़ा कर के उसे बॉण्डरी लगाने से आज बच्चेओ को वहाँ के श्मशान के अंदर खेलने मैं मजबूर हो गये है। खेल मैदान के नाम पर एक ही वेस्ट मैं भाग्य शाला मैदान ही रह गया है। उस पर भी वहा के नेता गन राजनीतिक कार्यक्रम के नाम पर आये दिन भाग्य शाला मैदान पर प्रोग्राम करते रहते है। आखिर बच्चे खेलने जाए तो भी कहा ? डोंबिवली की राजनीति का यह आलम है।
जनता इस पोस्ट को जरूर वारयल करेंगे। ताकि भाग्य शाला मैदान को इन राजनेता के प्रोग्राम से मैदान मुक्त कर सकें।और हमारे बच्चे इस तरह से श्मशान के भूमि पर खेलने पर मजबूर ना हो।
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