धारा 66ए सात वर्ष पहले खत्म की जा चुकी है !! इसके बावजूद महाराष्ट्र में इस धारा के तहत 381 केस ! झारखंड में 291 केस ! उत्तर प्रदेश में 245, राजस्थान में 192 और देश भर में कुल मिलाकर 1,307 केस दर्ज किए गए !!
सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत देश का कानून होता है, जिसे सारी अदालतों, पुलिस अधिकारों को मानने की बाध्यता है. लेकिन कानून की किताब में 66 ए अभी भी है, उसे हटाने की जिम्मेदारी संसद और सरकार की है.
धारा 66ए सात वर्ष पहले खत्म की जा चुकी है. इसके बावजूद महाराष्ट्र में इस धारा के तहत 381 केस, झारखंड में 291 केस, उत्तर प्रदेश में 245, राजस्थान में 192 और देश भर में कुल मिलाकर 1,307 केस दर्ज किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तो केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कह दिया.
66-ए कहती है कि अगर किसी ने कंप्यूटर या मोबाइल फोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करके आपत्तिजनक या धमकी भरे संदेश दिए, जानबूझकर झूठी सूचना दी, ऐसा करके किसी को परेशान किया, अपमानित किया, शत्रुता, घृणा या दुर्भावना फैलाई, तो उसे दंडित किया जाएगा. ऐसे अपराध के लिए 3 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
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