Crpc की धारा धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी करने के बाद अगर पुलिस को लगता है कि आरोपी को गिरफ्तार करना है तो पुलिस को संबंधित मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करनी होगी !!
तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी करने के बाद अगर पुलिस को लगता है कि आरोपी को गिरफ्तार करना है तो पुलिस को संबंधित मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करनी होगी। नोटिस जारी होने के बाद संबंधित मजिस्ट्रेट की बिना अनुमति के पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती। जस्टिस ललिता कन्नेगंती की खंडपीठ ने इस प्रकार आईपीसी की धारा 406, धारा 420 के तहत दंडनीय अपराधों के तहत दर्ज एक मामले में आवेदक द्वारा दायर एक अग्रिम जमानत याचिका पर विचार किया।
याचिका के निपटारे के बाद याचिकाकर्ता को सीआरपीसी की धारा धारा 41-ए के तहत नोटिस जारी किया गया था और वह दो मौकों पर पुलिस के सामने पेश हुआ था और जब भी वह उनके सामने पेश हुआ, पुलिस ने पावती की कोई रसीद नहीं दी और इस प्रकार याचिकाकर्ता ने बाध्य होकर सभी प्रासंगिक सामग्री पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ पुलिस आयुक्त को भेजी।
कोर्ट ने याद दिलाया कि गिरफ्तारी के लिए 'अर्नेश कुमार' मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना पुलिस का कर्तव्य है।
अगर आरोपी को लगता है कि पुलिस सीआरपीसी की धारा 41-ए के तहत प्रक्रिया या अर्नेश कुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रही है तो वे संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ अपने आरोपों को साबित करने के लिए सामग्री के साथ अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।
!! इनायतुल्लाह बनाम तेलंगाना राज्य !!
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