एक चौकीदार की सतर्कता से विदेशों में फंसे के देश भक्त #रॉ के जासूसों की जान बची और #CBI प्रमुख #आलोक_वर्मा के राष्ट्रघाती जघन्य पापों का लेखा जोखा,,।
रॉ.. RAW भारत की एक सर्वोच्च प्रतिष्ठित खुफिया संस्था है,अपेक्षाकृत सीबीआई से बहुत आगे है।
इसके अधिकारी बड़े देश भक्त होते हैं।
कोर्ट में जैसे निहित स्वार्थ वालों की कॉलेजियम आवश्यक नियुक्तियां करती है, रॉ में देशभक्तों का एक कॉलेजियम है जो नियुक्तियां करती है। इसकी बहुत सारी बातें विज्ञापित नहीं होती है क्योंकि ये अति गोपनीयता से काम करती है। ये विदेशों में कार्यरत खुफिया एजेंसी है जिसके घर वाले भी इनसे नहीं मिल पाते हैं, ये खुद जाकर मिलते हैं अपने परिजनों से।
मेरा एक चचेरा भाई रॉ में है, मैं ये सचाई जानता हूँ। बचपन से लेकर 17 साल की उमर तक हम साथ खेले कूदे पर 52 साल से उससे मिल नहीं पाया हूँ। रॉ वालों का रिश्ता परिवार से भी नहीं रह जाता। वे अपने निवास का पता परिजनों को भी नहीं देते।
रॉ से सबसे ज्यादा पाकिस्तान डरता है, इसके एजेंट बतौर अजित डोभाल भी पाकिस्तान में हड़कंप मचा चुके हैं।
★मोदीजी बहुत पहले ये जान चुके थे कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा सोनिया-राहुल के एजेंट के बतौर काम कर रहे हैं, लालू, वाड्रा, चिदंबरम, विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और शिवशंकरन (आईडीबीआई बैंक में आर्थिक अपराधी) के आर्थिक अपराधों को ढक बचा रहे हैं।
सरकार की लुक आउट नोटिस और गिरफ्तारी के आदेश की अनदेखी करते हुए आलोक वर्मा ने फर्जीवाड़ा करते हुए गिरफ्तारी की जगह# सूचना #शब्द प्लांट करते हुए विजय माल्या और नीरव मोदी आदि को भागने दिया।
★दो बजे रात की वह हाहाकारी घटना
जिस कारण आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया वह जानने योग्य है। रॉ के चीफ भागे भागे पीएम के पास पहुंचे, बहुत सारी गोपनीय बातें बतायी।
1) हमें अपने रॉ डिपार्टमेंट को बंद करना पड़ सकता है क्योंकि विदेशों में हमारे कार्यरत सभी अधिकारियों की सूची आलोक वर्मा ने संबद्ध देश को दे दी है।
2) विशेष कर सऊदी अरब से कांग्रेसी दलाल मिशेल जो अगस्तावेस्टलैंड मामले में गवाह है के प्रत्यर्पण को रोकने के लिए हमारे सारे अधिकारियों की सूची सऊदी अरब को अभी अभी ई-मेल कर दिया है।
इनकी योजना है कि हमारे खुफिया एजेंटो के नाम जाहिर कर भारत और सऊदी अरब का संबंध ऐसा बिगाड़ा जाय कि मिशेल का प्रत्यर्पण रोका जा सके और जिससे सोनिया- राहुल-कांग्रेस को लाभ पहुँचाया जाय।
उल्लेखनीय है कि सऊदी में वहाँ खुफियागिरी की सजा तुरंत सीधे मौत है।
इस तरह हमारे सारे देशभक्त रॉ के अधिकारी वहाँ मारे जाते। इसी तरह का देशद्रोह एक बार# हामिद अंसारी# ने भी अफगानिस्तान में करके हमारे देशभक्त रॉ के अधिकारियों को मरवा डाला था।
उस समय वे वहाँ अफगानिस्तान में भारत के राजदूत थे। बाद में पुरस्कार स्वरूप कांग्रेस ने उसे उपराष्ट्रपति पद से नवाजा था।
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★शांत चित्त बल्कि स्थिरप्रज्ञता से मोदीजी ने सब सुना। तुरंत सऊदी अरब के चीफ या सुलतान को फोन किया।
【एक बेहद जरुरी काम आ गया है,इसलिए आपको कष्ट दिया है। हमने सीबीआई चीफ से एक आवश्यक ई-मेल भिजवाया है जिसे आपने अभी नहीं देखा होगा, वैसे मैं आपके ई-मेल पर भी फिर सूची प्रेषित कर रहा हूँ। ये अवांछित लोग हैं। हमारे यहाँ मिशेल के साथ इन्हें भी भेज दें। ताकि तुरंत कारवाई की जा सके।】
इस तरह हमारे चौकीदार ने रॉ के देशभक्त अधिकारियों की जान भी बचा ली और वाक्पटुता से आलोक वर्मा की जूती आलोक वर्मा के सर पर दे मारी। इस देशद्रोही विफलता से कांग्रेस पागल हो गयी, तुरंत सऊदी अरब षड्यंत्र करने फिर राहुल गांधी पहुंच गया, ऐसा संयोग कहाँ देखने को मिलेगा कि राहुल खान भी दुबई में है और पाकिस्तान का आर्मी चीफ भी दुबई में, मतलब देश के ऊपर कोई बड़ा खतरा है।
प्रियंका चौबाईन ने ट्वीट किया कि क्रिकेट मैच देखने झूठमुँहा गाँधी वहां गया है, तीन लाख की भीड़ राहुल के दर्शन के लिए स्टेडियम में उमड़ी।
इस मूर्ख कांग्रेसी प्रवक्ता को ये भी जानकारी नहीं कि स्टेडियम की क्षमता मात्र पैतीस हजार है।
★कांग्रेस ये झूठा प्रचार कर रही है कि राफेल मामले में आलोक वर्मा जाँच करने वाले थे इसलिए मोदीजी ने हटाया जबकि सीबीआई चीफ रक्षा सौदे की जाँच के लिए अधिकृत नहींं होते हैं। सुप्रीम कोर्ट जब राफेल में क्लीन चिट दे चुकी है तो देशद्रोही-हिन्दूद्रोही कांग्रेस का ये थेथरपन ही है।
★आलोक वर्मा आपराधिक कृत्य करते हुए मोदीजी, रॉ चीफ, सेनाध्यक्ष, अजित डोभाल और अमित शाह आदि का फोन टेप भी कर रहे थे। इस कांड में जस्टिस सिकरी, सीवीसी और रॉ चीफ की भूमिका प्रशंसनीय रही।विशेषकर जस्टिस सिकरी एक निष्पक्ष और ईमानदार जस्टिस माने जाते हैं।
दलित मानसिकता वाला मलिकार्जुन खड़गे बहुत खड़का पर चला नहीं।
★अगर मोदीजी की जगह इंदिरा रहती तो तुरंत ईमरजेंसी लगा देती, संविधान स्थगित कर सभी संबद्ध को थर्ड डिग्री से निपट लेती। ये इसी लायक हैं भी।
★अब देखना है मोदीजी निकृष्टतम देशद्रोही मोईन कुरेशी से कैसे निपटते हैं जो सबसे बड़ा आर्थिक अपराधी है, कांग्रेसी दलाल है और जिसने तीन सीबीआई चीफ को निगल लिया है, ब्लैकमेल किया है।
★उल्लेखनीय है कि भारतीय मीडिया इस गंभीरतम मामले को साफ निगल गयी, बस कांग्रेसी अनर्गल प्रलाप का रिपोर्टिंग किया।
एक भारतीय ईमानदार पत्रकार हरीश गुप्ता के रिपोर्ट पर ये खबरें सऊदी अरब और विदेशों में प्रकाशित हुईं।
देश इस देशद्रोह से अनजान है।
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