शाहीन बाग में लंगर का खर्चा उठाने वाला सरदार डी.एस. बिन्द्रा ओवेसी की पार्टी का महासचिव है! जिसका सारा खर्चा पी.एफ.आई. उठाता है।पीएफआई का नाम नहीं आये इसलिये सरदार द्वारा अपना घर बेचकर लंगर का खर्चा उठाने की कहानी गढी गई है।
गुरु गोविंदसिंह जी क्या सोच रहे होंगे यह देखकर ??
किसके लिए, किसकी खातिर उन्होंने अपने शहजादों की कुर्बानी दी ?
उनके परम् त्याग का यह फल ?
सिख ही शाहीनबाग में लंगर लगा रहा है साथ में नमाज अदा रहा है।
थू है, तुम पर !
शर्म कर लो बिंद्रा !!
सिखों की पुश्तें कुर्बान हो गई है मुगलों की गुलामी नही की दासता नही स्वीकार की !!
गुरु गोविंदसिंह जी क्या सोच रहे होंगे यह देखकर ??
किसके लिए, किसकी खातिर उन्होंने अपने शहजादों की कुर्बानी दी ?
उनके परम् त्याग का यह फल ?
सिख ही शाहीनबाग में लंगर लगा रहा है साथ में नमाज अदा रहा है।
थू है, तुम पर !
शर्म कर लो बिंद्रा !!
सिखों की पुश्तें कुर्बान हो गई है मुगलों की गुलामी नही की दासता नही स्वीकार की !!
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