15 महीने में 750 मुकदमे ठोंक तबाह कर दिया मिलावटखोरी का गोरखधंधा पड़ोसी राज्यों से खरीदता था, आज वहां की जनता खुद 70 फीसद सब्जियां घर पर उगाती है। यह पहल एक युवा आईएएस की कोशिश से हुई है। नई दिल्लीः अनुपमा। पद-फूड सेफ्टी कमिश्नर। केरल की इस यंग आईएएस का नाम सुनते ही केरल के मिलावटखोर थर-थर कांपने लगते हैं। सोच में पड़ जाते हैं कि कब फोर्स के साथ अनुपमा आ धमकेंगी और मिलावटखोरी मिली नहीं कि तुरंत केस ठोंककर अंदर करेंगी। अनुपमा की हनक के चलते ज्यादातर व्यापारियों ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करना छोड़ दिया है। महज 15 महीने के भीतर इस आईएएस ने छह हजार से ज्यादा नमूने भरवाए तो मिलावटखोरी साबित होने पर 750 व्यापारियों पर मुकदमा लाद दिया। जिससे केरल में मिलावटखोरी के अरबों के गोरखधंधे की चूल ही हिल गई। 2010 बैच की ऑल इंडिया में 4th रैंक की इस आईएएस ने बता दिया है कि अगर अफसर चाहें तो सिस्टम की लाइलाज बीमारी का भी इलाज कर सकते हैं। सब्जियों में तीन सौ प्रतिशत कीटनाशक मिले तो हैरान रह गईं अनुपमा आईएएस अनुपमा ने फल और सब्जियों की तमाम मंडियों में छापेमारी कराई। नमूनों की जांच...
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