मुंबई.. दक्षिण मुंबई में शुक्रवार सुबह गिरी बीएमसी की एक पांच मंजिला इमारत के नीचे दबकर मरने वालों की संख्या 42 पहुंच गई है और अभी भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। इस बिल्डिंग में करीब 30 फ्लैट थे और बीएमसी मेयर के मुताबिक करीब 22 परिवार यहां रह रहे थे। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है।
वहीं, इस बिल्डिंग के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मममिया डेकोरेटर्स के मालिक अशोक मेहता पर आरोप है कि उसने बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर को कमर्शल ऐक्टिविटीज़ के लिए किराये पर चढ़ा दिया था और ग्राउंड फ्लोर पर ही स्थित अपने ऑफिस में कुछ गैर-कानूनी फेरबदल किये थे जिसके कारण यह हादसा होने की आशंका है। मेहता ने कार्यालय के लिए बीएमसी से वह जगह लीज पर ली थी।
बीएमसी के उप-अधीक्षक की शिकायत के अनुसार मेहता ने इमारत में फेरबदल के लिए निकाय से पूर्व अनुमति नहीं ली थी।
करीब 30 साल पुरानी इस इमारत में करीब 21 परिवार रह रहे थे और इसे सी-2 श्रेणी में रखा गया था जिसका अर्थ इसकी तत्काल मरम्मत कराया जाना जरूरी था।
घटनास्थल पर शुक्रवार को दमकल अधिकारियों ने बताया था कि यह घटना सुबह करीब छह बजे डॉकयार्ड रोड इलाके के बाबूगेनू बाजार के निकट हुई। लोगों की नींद खुलने से पहले ही अचानक इमरात के गिररने से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के लिए चार ऐंबुलेंस और 12 दमकल गाडिय़ों को भेजा गया। मलबे से बचाए गए चार लोगों को सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शिवसेना के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने भी बताया कि आवासीय बीएमसी क्वॉर्टर्स के भूतल में एक गोदाम था और मरम्मत का कुछ काम किया जा रहा था। डॉकयार्ड स्टेशन के पीछे का यह हिस्सा मुंबई का काफी पुरानी इलाका है। पुराना इलाका होने की वजह से यहां काफी घनी आबादी है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की दर्जन भर गाड़ियां स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य में जुटी हुई हैं। प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया है।
वहीं, इस बिल्डिंग के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मममिया डेकोरेटर्स के मालिक अशोक मेहता पर आरोप है कि उसने बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर को कमर्शल ऐक्टिविटीज़ के लिए किराये पर चढ़ा दिया था और ग्राउंड फ्लोर पर ही स्थित अपने ऑफिस में कुछ गैर-कानूनी फेरबदल किये थे जिसके कारण यह हादसा होने की आशंका है। मेहता ने कार्यालय के लिए बीएमसी से वह जगह लीज पर ली थी।
बीएमसी के उप-अधीक्षक की शिकायत के अनुसार मेहता ने इमारत में फेरबदल के लिए निकाय से पूर्व अनुमति नहीं ली थी।
करीब 30 साल पुरानी इस इमारत में करीब 21 परिवार रह रहे थे और इसे सी-2 श्रेणी में रखा गया था जिसका अर्थ इसकी तत्काल मरम्मत कराया जाना जरूरी था।
घटनास्थल पर शुक्रवार को दमकल अधिकारियों ने बताया था कि यह घटना सुबह करीब छह बजे डॉकयार्ड रोड इलाके के बाबूगेनू बाजार के निकट हुई। लोगों की नींद खुलने से पहले ही अचानक इमरात के गिररने से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के लिए चार ऐंबुलेंस और 12 दमकल गाडिय़ों को भेजा गया। मलबे से बचाए गए चार लोगों को सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शिवसेना के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने भी बताया कि आवासीय बीएमसी क्वॉर्टर्स के भूतल में एक गोदाम था और मरम्मत का कुछ काम किया जा रहा था। डॉकयार्ड स्टेशन के पीछे का यह हिस्सा मुंबई का काफी पुरानी इलाका है। पुराना इलाका होने की वजह से यहां काफी घनी आबादी है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की दर्जन भर गाड़ियां स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य में जुटी हुई हैं। प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया है।
Comments