नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि पुलिस के लिए यह जरूरी होगा कि वह थाने में आने वाले हर संगीन अपराध की एफआईआर दर्ज करे। प्रधान जज न्यायमूर्ति पी सतशिवम की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा कि अगर कोई पुलिस अधिकारी किसी भी संज्ञेय अपराध की एफआईआर दर्ज करने में असफल पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रधान जज ने पीठ की तरफ से कहा कि कानून की मंशा संज्ञेय अपराधों की एफआईआर दर्ज करना जरूरी करने की है। संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में ऐसे अपराध आते हैं, जिनके लिए अपराधी को तीन साल या उससे अधिक की सजा दी जा सकती है और जांचकर्ता अधिकारी आरोपी को बिना वारंट भी गिरफ्तार कर सकते हैं।
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