मैग्रोज का नाश, मा. बॉम्बे हाय-कोर्ट का आदेश को भी किया दर-किनारा.
ठाणा. दिवा,कलवा-मुंब्रा रेलवे लाईन के दोनो बाजू मै
मैग्रोज और हरी-भरी झाडीओ से सालो से लबालब था.पहले बरसातो के दिनो मै भारी बारीश
होने से मीठी नदी का पानी का स्तर बढ-भी जाय तो भी, 50 सालो मै कभी भी जनमानस का कोई
भी बढा नुकसान होने का रिकार्ड दर्ज नही हुआ है. क्यूकि मैग्रोज और हरी-भरी झाडी के
वजह से कभी भी बाढ की हालत पैदा नही हुआ है. मैग्रोज और हरी-भरी झाडी बाढ के पानी
का स्तर को रोके देता है.जादा-से जादा पानी सोख लेता है.मैग्रोज काटना या उसे नष्ट
करना कानूनी जुर्म है. उसके बाजूत भी अपने फायदे के लिये बिल्डर-लॉबी कानुन को ताक
पर रखकर मैग्रोज पर मिट्टी डालकर उसे नष्ट करने का काम जोरो से चलाया जा रहा है.
सात-आठ
महिने पहले मा. हाय-कोर्टने ठेकेदारो के लापरवाही के वजह से उनके काम पर स्टे लगा दिया
गया था. हाय-कोर्टने दिशा-निरदेशक तय किया था,की ठेकेदारो ने उस दिशा-निरदेशक के
अनुसार मैग्रोज की पूरी-तरह नष्ट होने से बचना है. अभी विकास के काम के लिये, हाय-कोर्ट
ने ठेकेदारो के काम पर से रोक हटा लिया गया था. इसी का फायदा उठा-कर ठेकेदारो ने
अपनी मनमानी करना सूरू कर दिया है.नई पटरी की लाईन के लिये मिट्टी डालने का वह लोग
वही की जमीन खोद कर मिट्टी डाले जा रहै है.इसी वजह से मैग्रोज पुरी तरह नष्ट की जा
रहा है. वर्षे 2013 को एक सरकारी आंकडा बताता की मैग्रोज को नष्ट होने से मीठी-नदी
का पानी का स्तर दिन-ब-दिन बढ रहा है.इस बार भारी बारीश होने से बाढ आने की सकेंत
जादा बढ-गया है. बाढ का पानी शहर के कई घरो मै घुसकर हजारो लोगो के डूबकर मर जाने
की सभांवना जादा हो सकती है.जनता जान-मान के प्रती सरकार गंभीर होना चाहिये. .jpg)
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