कैंपा कोला निवासियों को मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया है

कैंपा कोला निवासियों द्वारा अचानक विरोध बंद कर कार्रवाई के लिए मान जाने पर कई सारे कयास लगाए जा रहें। इससे पहले भी निवासियों को मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया है लेकिन तब निवासी बीएमसी की कार्रवाई को गलत बताते हुए उनका विरोध करते रहे हैं। कैंपा कोला कंपाउंड के निवासी इसका कोई ठोस जवाब तो नहीं दे पाए कि आखिर बिना किसी ठोस कदम के कैसे कार्रवाई को राजी हो गए ? वहीं, बीएमसी सोमवार को तय योजना के मुताबिक कैंपा कोला कंपाउंड सुबह पहुंच जाएगी और पानी, गैस कनेक्शन काटना शुरू कर देगी।सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कंपांउड में बचे हुए एफएसआई के इस्तेमाल की निवासियों की मांग पर सकारात्मक रूख अपनाया है। यदि एफएसआई के इस्तेमाल को इजाजत दी जाती है तो कैंपा कोला के करीब 100 अवैध फ्लैट्स में से 20 से कम फ्लैट्स पर कार्रवाई होगी। संभवत: इसी भरोसे पर कैंपा कोला निवासी बिजली, पानी और गैस कनेक्शन काटने को तैयार हो गए।

हालांकि, कंपाउंड के निवासी आशीष जालान ने साफ शब्दों में कहा कि हम फ्लैट्स की तोड़ने की कार्रवाई का विरोध करेंगे। बीएमसी अधिकारी अपने सुरक्षा दल के साथ पहुंच गए और थोड़ी आक्रामक मुद्रा में समझाना शुरू किया। बीएमसी के डीएमसी आनंद वागरलकर ने कहा, ' कंपाउड के अवैध ‌‌फ्लैट्स की कार्रवाई पर तैयारियों के लिए जो भी खर्च हुआ है वो हम सोसायटी के प्रॉपर्टी टैक्स में जोड़कर वसूल करेंगे।'

वागरलकर ने कहा, 'पिछले साल से अब तक जितनी बार बीएमसी यहां कार्रवाई के लिए आई उसका सारा खर्च जोड़ा जाएगा।' बीएमसी ने इस बीच किसी भी वक्त बल प्रयोग करने का मन बना लिया था। हालांकि, इस चेतावनी के बावजूद भी निवासियों ने गेट नहीं खोला। उधर, निवासियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर अवैध फ्लैट्स को ढहाने पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई।
सोसायटी के निवासी अंकित गर्ग ने बताया, 'हमने राष्ट्रपति को लिखा और उन्हें विनम्र ढंग से उन तरीकों के बारे में बताया है, जिनके जरिए अवैध फ्लैट्स को नियमित किया जा सकता है।' विरोध के दौरान दो महिलाएं बेहोश होकर गिर पडी तथा उन्हें अस्पताल ले जाया गया। एमएनएस विधायक बाला नांदगांवकर और बीजेपी नेता शायना एनसी ने निवासियों के साथ मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से दोपहर में मुलाकात की।सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून को अवैध फ्लैट्स के निवासियों की याचिका को खारिज कर दिया था। यह याचिका उन्होंने 31 मई के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी, जिसमें उन्हें उनके अपार्टमेंट खाली करने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट के बाद बीएमसी अवैध फ्लैट्स के मालिकों को नोटिस जारी करके फ्लैटों की चाबियां सौंपने के लिए कहा था ताकि फ्लैट ढहाने की प्रक्रिया की जा सके। हालांकि किसी ने भी चाभियां नहीं सौंपी थी। फ्लैट खाली करने की बीएमसी की समय सीमा 20 जून को पूरी हो गई थी।

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