नई दिल्ली. महंगाई पहले से ही बढ़ी हुई है। अब सरकार ने रेल किराए में 14.2 फीसदी का इजाफा कर दिया है। माल भाड़े में भी 6.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। यानी तकरीबन वो सभी चीजें महंगी होंगी, जिनकी आवाजाही ट्रेनों पर निर्भर है। रेलवे के मुताबिक, बेसिक किराए में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा 4.2 प्रतिशत फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट (एफएसी) है। सभी वर्गों के किराए में एक समान 14.2 फीसदी की वृद्धि होगी। इसी तरह माल भाड़े में 5 फीसदी की वृद्धि और 105 एफएसी है। सरकार का फैसला शुक्रवार को आया।
लेकिन थोड़ी देर बाद सरकार ने इसे संशोधित किया। अब बढ़ा हुआ किराया/भाड़ा 25 जून से लागू होगा। कांग्रेस ने इसे अब अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि बताया है। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा पिछले कुछ दिनों से कहते आ रहे थे कि किराया/भाड़ा बढ़ाना बहुत जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी उन्होंने बात कर ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी का इंतजार था। सरकार के फैसले का चौतरफा विरोध हुआ है। कांग्रेस, सपा, जदयू, वामदलों समेत ज्यादातर पार्टियों ने इसे महंगाई बढ़ाने वाला बताया है। साथ ही, फैसले के समय पर भी सवाल उठाया है। पूर्व रेल मंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार को अगर किराया/भाड़ा बढ़ाना ही था तो बजट में घोषणा करते। यह कदम क्या संसद को कमतर बनाने के लिए है। 9 जुलाई को रेल बजट पेश होने की संभावना है। भाजपा ने सरकार के फैसले का बचाव किया है। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि रेलवे की हालत बेहद खराब है। अगर हमें लोगों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा देनी है तो टिकट महंगा करना होगा।
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