भांडूप की 12 साल की दामिनी रेप
केस के 45 दिन के बाद भी, F.I.R की कॉपी उनके परिवारवालो को नही दिया गया.
मुंबई .. 16 एप्रिल 2014 सुबह 10 के दरम्यान भांडूप रेल्वे स्टेशन के
प्लेटफॉर्म नं.2 पर एक 12 साल की लडकी रोते हुवे Kshama
Bhatkar (46) महिला को मिलती है, जब उस महिला ने लडकी को
रोने का कारण पुछां गया तो 12 साल की लडकी ने रोते हुवे सारी घटना बताई जो उस के
साथ घटी,उसके मुताबिक तीन लोगोने उसको भांडूप रेल्वे
स्टेशन से चॉकलेट दिलाने के
बहाने एक बंद पडी बिल्डींग मै ले गये जो एक मॉंल के पास ही है. और पिने को
कोल्डड्रीग देये और खाने के लिये चॉकलेट भी दिये. फिर वह लोग मेरे साथ गलत हरकत
करने लगे मैने विरोध किया तो वह लोग मुझे मारने पिठने लगे, और मेरे मुंह पर हाथ
रखकर मेरा मुंह बंद कर दिया. में रोती रही और वह लोग मेरे साथ गलत काम करते हें,
बाद मै उन लोगोने मुझे धमकी दी की इस घटना का जिक्र किसी ना करे नही तो तेरे साथ फिर
से वही करेगे. मै रोते हुवे भांडूप रेल्वे स्टेशन पास आकर मेरे माता-पिता को खोजने
लगी. क्यु की हम कुछ दिनो से भांडूप रेल्वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर सोते है.
हमारे पास रहने को घर नही है.
जब यह केस हमारी टीम के
पास आया तो हमने हमारे तरीके से काम की सुरूवात की,तो पता चला की [1]एक नामचीन
मीडिया ने सब पहले इस खबर को प्रकाशित किया. उनके मुताबिक यह रेप कांजुरमार्ग के
एक बंद बिल्डींग मै यह घटना घटी है. जो की यह घटना भांडूप के रेल्वे के पास के
मॉंल एक बंद बिल्डींग मै यह घटना घटी है.जो मीडिया ने खबर के साथ जो फोटो दिखाया
है, वह भांडूप के एक बंद बिल्डींग की है. [2] घटना के 45 दिन गूजर जानेके बाद भी
भांडूप पोलीस ने F.I.R की कॉफी उनके माता-पिता को क्यू नही दिया गया ! [3] D.C.P
के कार्यलय मै इसकी शिकायत करने के बाद भी कोई कारवाही क्यू नही किया ! [4]
माता-पिता के होते हुवे भी भांडूप पोलीस ने उस लंडकी क्यू लाहवारीश बताकर चिल्ड्रन
रूम डाल दिया गया ? [5] इस घटना के लिये बंद बिल्डींग के मालिक को क्यू नही जुम्मेदार
माना जा सकता ? कहानी लिखने तक लडकी अभी तक उसके माता-पिता
के पास नही है.वह एक चिल्ड्रन रूम मै है.
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