अहमदाबाद से 12 घंटे में बनारस पहुंचेगा सोलर इंपल्स
VARANASI : सूरज की किरणों की ताकत से दुनिया को नापने निकला विमान सोलर इंपल्स ख् अहमदाबाद से क्ख् घंटे में बनारस पहुंचेगा. उसके आगमन को लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट पर जबरदस्त तैयारी चल रही है. सोलर इंपल्स क्भ् मार्च की शाम को बनारस आएगा और अगली सुबह म्यांमार के लिए उड़ान भरेगा. अपने आप में अनूठे इस विमान को लेकर एयरपोर्ट से लेकर पूरे शहर तक में जबरदस्त कौतूहल है. हर कोई इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करना चाहता है. उसे नजदीक से व आकाश की ऊचाइयों को छूते देखना चाहता है.
पहले ही आ जाएगा स्टाफ
अबूधाबी के अल बतीन एयरपोर्ट से सोमवार को उड़ा सोलर इंपल्स ख् मंगलवार को अहमदाबाद पहुंचा. यहां दो दिनों तक रुकेगा. इस दौरान कॉमनमैन इस बिना पारम्परिक इंधन के उड़ने वाले विमान को देख सकेंगे. क्भ् मार्च की सुबह बनारस के लिए उड़ान भरेगा. इसकी स्पीड भ्0 से क्00 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होने की वजह से यहां तक आने में क्ख् से क्फ् घंटे लगेगा. शाम सात बजे विमान के बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने का समय फिक्स किया गया है. इसके साथ चलने वाले सपोर्टिग स्टाफ के रूप में ब्0 मेम्बर्स दो अलग-अलग विमानों से चार घंटे पहले ही आ जायेंगे. एक विमान में चार एक्सपर्ट्स की टीम होगी और दूसरे एएल म् विमान में जरूरी साजो-समान और अन्य स्टाफ होंगे.
एयरपोर्ट पर गुजारेगा रात
सोलर इंपल्स ख् में सामान्य विमानों की तरह व्हील नहीं हैं. इसमें सिर्फ एक व्हीकल है. इसकी वजह से इसको लैंड करना मुश्किल भरा काम होता है. लैंडिंग के दौरान इसे वाहनों के जरिए पकड़ने और सेफ रखने के लिए सपोर्ट करने की जरूरत होती है. इसके डैने 7ख् मीटर के हैं जो बोइंग 7ब्7 से अधिक चौड़े हैं. लैंडिंग के दौरान इन्हें भी सेफ रखना चुनौती है. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डायरेक्टर एसके मल्लिक के अनुसार विमान को पुराने टर्मिनल के पास लैंड कराया जाएगा. टर्मिनल और एप्रन वन के बीच मौजूद टैक्सी वे पर खड़ा किया जाएगा. एटीसी, फायर ब्रिगेड और सीआईएसएफ को जरूरी निर्देश दिये गए हैं. एयरपोर्ट पर उतरने से पहले विमान शहर के ऊपर चक्कर लगाएगा. गंगा के घाटों की ओर से भी गुजरेगा. लैंडिंग के बाद पॉयलट और स्टाफ नदेसर स्थित होटल में रात गुजारेंगे. अगली सुबह सात बजे विमान के साथ पूरी टीम म्यामांर के लिए रवाना हो जाएगी. लेकिन अहमदाबाद की तरह बनारस के लोगों को सोलर इंपल्स ख् को नजदीक से देखने का मौका नहीं मिलेगा.
इस विमान को नहीं चाहिए ईधन
दुनिया की सैर पर निकले सोलर इंपल्स को पारम्परिक ईधन की जरूरत नहीं होती है. यह दिन में सौर ऊर्जा से और रात में सोलर एनर्जी चार्ज हुई बैटरी से उड़ता है. इसके लिए विमान के पंखों पर क्7 हजार सोलर सेल लगाए गए हैं. सूरज की किरणों को पाने के लिए 8,भ्00 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरेगा. इनसे मिली एनर्जी से यह लगातार क्ख् घंटे तक उड़ सकता है. सिंगल सीटर विमान कार्बन फाइबर से बना है. इसका कुल वजन ख्फ् केजी है. सोमवार को इसने अबूधाबी से उड़ान भरी. पूरी दुनिया का चक्कर लगाते हुए फ्भ् हजार किमी का सफर तय कर अबूधाबी वापस लौटेगा. सिंगल सीटर विमान को पॉयलट एरोनॉट बरटै्रंड पिक्कार्ड और आंद्रे बोर्शबर्ग बारी-बारी से उड़ा रहे हैं.
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