मांस की सही जांच न होना बना मामला दर्ज करने की वजह
बिसाहड़ा मामले में याची सूरजपाल के वकील राजीव त्यागी का कहना है कि इकलाख के परिवार पर गोहत्या का मामला दर्ज होने से गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं।
यदि पहले ही मामला दर्ज किया गया होता तो पुलिस की किरकिरी नहीं होती। आदेश में पुलिस द्वारा वहां मिले मांस की विवेचना न करने से ही अदालत ने मामले में गोवध अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम में मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
त्यागी का कहना है कि केवल इकलाख-दानिश पर हमले की विवेचना करना और मांस की विवेचना न करने को न्यायपालिका ने संज्ञान में लिया। सुनवाई के दौरान घायल इकलाख के पास पड़ा मांस कहां से आया था।
त्यागी का कहना है कि केवल इकलाख-दानिश पर हमले की विवेचना करना और मांस की विवेचना न करने को न्यायपालिका ने संज्ञान में लिया। सुनवाई के दौरान घायल इकलाख के पास पड़ा मांस कहां से आया था।
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