Police Passed Through Highway

बुलंदशहर गैंगरेप के दौरान हाईवे से गुजरी थी पुलिस, 100 नंबर से नहीं आया कोई जवाब

दिल्ली - कानपुर हाईवे ( एनएच-91)  किनारे मां-बेटी से गैंगरेप के मामले में पुलिस ने रविवार को तीन बदमाशों को पकड़कर खुलासा कर दिया। डीजीपी जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि तीनों बावरिया गैंग के बदमाश हैं और उन्हें वैर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। 
पीड़िताओं ने उनकी शिनाख्त भी की है। देर शाम प्रमुख सचिव गृह ने  एसएसपी वैभव कृष्ण, एसपी सिटी राम मोहन व डिप्टी एसपी हिमांशु गौरव  को सस्पेंड कर दिया।

सुबह डीजीपी ने मौके पर ही इंस्पेक्टर रामसेन सिंह, चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार, नाइट पेट्रोलिंग अफसर रूस्तम सिंह व सिपाही अनुराग को  निलंबित  कर दिए थे।  

पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी ने गिरफ्तार बदमाशों की पहचान बबलू पुत्र रूपचंद निवासी फरीदाबाद हरियाणा, नरेश उर्फ ठाकुर पुत्र अमर सिंह निवासी भटिंडा (पंजाब) और रईस पुत्र सोहराब निवासी सुतारी थाना कोतवाली देहात बुलंदशहर के रूप में उजागर की। 

पीडित परिवार ने बताई वारदात की आप उन्होंने कहा, बाकी बदमाशों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मौका-ए-वारदात से सोने की एक चेन बरामद की गई है। डीजीपी ने बताया कि बावरिया गैंग के इन बदमाशों ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ शुक्रवार की रात गांव दोस्तपुर के पास हाईवे-91 पर कोई वस्तु फेंककर उस कार को रोका, जिसमें पीड़ित परिवार नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था। 


बदमाश पीड़ित परिवार को आतंकित कर कार को कच्चे रास्ते में उतार लाए। यहां बदमाशों ने दो पुरुष और एक किशोर के हाथ-पांव बांध दिए और मां-बेटी के साथ गैंगरेप किया। एक महिला की उम्र अधिक थी। इसलिए बदमाशों ने उसे सिर्फ बंधक बनाया और पीटा। 
 
पीड़ित मां ने डीआईजी लक्ष्मी सिंह को बताया कि उन्हें लूटने के बाद बदमाश उनकी कार को हाईवे किनारे एक खेत में ले गए। बदमाशों ने उसके और उसकी बेटी के साथ दरिंदगी की। 

हालांकि एक बदमाश ने दरिंदगी करने से रोका था। पीड़ित पुरुषों ने पुलिस को बताया कि उनके हाथ रस्सी से कमर की ओर बंधे हुए थे। जब वे पीछे देखने की कोशिश करते थे तो बदमाश हथौड़े से मारते थे। 

पीड़ित ने बताया कि जब वारदात हो रही थी, उसी समय पुलिस की जीप हाईवे से गुजरी लेकिन बदमाशों के आतंक के कारण वे मदद नहीं मांग पाए। 

किशोरी ने दरिंदों को फोटो देख कर पहचाना

उन्होंने कहा, बाकी बदमाशों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मौका-ए-वारदात से सोने की एक चेन बरामद की गई है। डीजीपी ने बताया कि बावरिया गैंग के इन बदमाशों ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ शुक्रवार की रात गांव दोस्तपुर के पास हाईवे-91 पर कोई वस्तु फेंककर उस कार को रोका, जिसमें पीड़ित परिवार नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था। 

बदमाश पीड़ित परिवार को आतंकित कर कार को कच्चे रास्ते में उतार लाए। यहां बदमाशों ने दो पुरुष और एक किशोर के हाथ-पांव बांध दिए और मां-बेटी के साथ गैंगरेप किया। एक महिला की उम्र अधिक थी। इसलिए बदमाशों ने उसे सिर्फ बंधक बनाया और पीटा। 
 
पीड़ित मां ने डीआईजी लक्ष्मी सिंह को बताया कि उन्हें लूटने के बाद बदमाश उनकी कार को हाईवे किनारे एक खेत में ले गए। बदमाशों ने उसके और उसकी बेटी के साथ दरिंदगी की। 

हालांकि एक बदमाश ने दरिंदगी करने से रोका था। पीड़ित पुरुषों ने पुलिस को बताया कि उनके हाथ रस्सी से कमर की ओर बंधे हुए थे। जब वे पीछे देखने की कोशिश करते थे तो बदमाश हथौड़े से मारते थे। 

पीड़ित ने बताया कि जब वारदात हो रही थी, उसी समय पुलिस की जीप हाईवे से गुजरी लेकिन बदमाशों के आतंक के कारण वे मदद नहीं मांग पाए। 

किशोरी ने दरिंदों को फोटो देख कर पहचाना

वारदात के बाद पीड़ित परिवार ने 100 नंबर पर चार बार संपर्क साधा। एक बार भी रिस्पॉंस नहीं आया। डीजीपी ने इसे बड़ी चूक माना है। डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने  बताया कि  पीड़ित मां-बेटियों को 200 से अधिक अपराधियों के फोटो दिखाए गए । जिनमें से बेटी ने दो फोटो में दरिंदों की शिनाख्त की।  

'मां-बेटी से गैंगरेप के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित परिवार ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान कर ली है।   जल्द ही बाकी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने की मांग की जाएगी।' - जावीद अहमद, डीजीपी, उत्तर प्रदेश

'अपराधियों को सजा दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से हर संभव मदद मिलेगी। गैंगरेप में शामिल अपराधियों को ऐसी सजा दी जाएगी, जो सूबे में बदमाशों के लिए नजीर साबित होगी। बदमाशों पर एनएसए लगाया जाएगा।' - देवाशीष पंडा ,प्रमुख सचिव गृह

'राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्यों को  चार घंटे तक पीड़ित बच्ची और महिलाओं से नहीं मिलवाया गया। पीड़ित महिलाओं ने हमें आपबीती बताई। पुलिस को पीड़ित महिलाओं से कतई हमदर्दी नहीं थी। मां-बेटी की काउंसलिंग भी नहीं कराई गई।'  रेखा शर्मा , सदस्य राष्ट्रीय महिला आयोग

मां-बेटी से गैंगरेप में तीन गिरफ्तार, एसएसपी से लेकर थानेदार तक सस्पेंड

दिल्ली-कानपुर हाईवे (एनएच-91) के किनारे मां-बेटी से गैंगरेप के मामले में पुलिस ने रविवार को तीन बदमाशों को पकड़कर मामले का खुलासा कर दिया। डीजीपी जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि तीनों बावरिया गैंग के बदमाश हैं और उन्हें वैर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।

पीड़िताओं ने उनकी शिनाख्त भी की है। देर शाम प्रमुख सचिव गृह ने एसएसपी वैभव कृष्ण, एसपी सिटी राममोहन व डिप्टी एसपी हिमांशु गौरव को सस्पेंड कर दिया। सुबह डीजीपी ने मौके पर ही इंस्पेक्टर रामसेन सिंह, चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार, नाइट पेट्रोलिंग अफसर रूस्तम सिंह व सिपाही अनुराग को  निलंबित कर दिया था।

डीजीपी के मुताबिक शावेद निवासी गांव दहपा हापुड़, जबर सिंह निवासी नोएडा व रईश निवासी गांव सुतारी बुलंदशहर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, बबलू निवासी फरीदाबाद (हरियाणा) व नरेश उर्फ ठाकुर निवासी बठिंडा (पंजाब) को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा बाकी बदमाशों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मौका-ए-वारदात से सोने की एक चेन और पर्स बरामद किया गया है।
डीजीपी ने बताया कि बावरिया गैंग के इन बदमाशों ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ शुक्रवार की रात गांव दोस्तपुर के पास हाईवे-91 पर कोई वस्तु फेंककर उस कार को रोका, जिसमें पीड़ित परिवार नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था।

बदमाश पीड़ित परिवार को आतंकित कर कार को कच्चे रास्ते में उतार लाए। यहां बदमाशों ने दो पुरुष और एक किशोर के हाथ-पांव बांध दिए और मां-बेटी के साथ गैंगरेप किया। एक महिला की उम्र अधिक थी, इसलिए बदमाशों ने उसे सिर्फ बंधक बनाया और पीटा।

 पीड़ित मां ने डीआईजी लक्ष्मी सिंह को बताया कि उन्हें लूटने के बाद बदमाश उनकी कार को हाईवे किनारे एक खेत में ले गए। बदमाशों ने उसके और उसकी बेटी के साथ दरिंदगी की। हालांकि एक बदमाश ने दरिंदगी करने से रोका था। पीड़ित पुरुषों ने पुलिस को बताया कि उनके हाथ रस्सी से कमर की ओर बंधे हुए थे। जब वे पीछे देखने की कोशिश करते थे तो बदमाश हथौड़े से मारते थे।

पीड़ित ने  बताया कि जब वारदात हो रही थी, उसी समय पुलिस की जीप हाईवे से गुजरी लेकिन बदमाशों के आतंक के कारण  वे मदद नहीं मांग पाए। वारदात के बाद पीड़ित परिवार ने 100 नंबर पर चार बार संपर्क साधा। एक बार भी रिस्पांस नहीं आया। डीजीपी ने इसे बड़ी चूक माना है। डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ित मां-बेटी को 200 से अधिक अपराधियों के फोटो दिखाए गए, जिनमें से बेटी ने दो फोटो में दरिंदों की शिनाख्त की।

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