बैंक से रुपये निकालने पर लग सकता है TAX, जानें और 8 अहम बातें
में डिजिटल लेनदेन को बढावा देने एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन कर लगाने और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिकाउंट रेट (एमडीआर) को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है।
में डिजिटल लेनदेन को बढावा देने एवं कैशलेस अर्थव्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन कर लगाने और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिकाउंट रेट (एमडीआर) को पूरी तरह से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है।
नोटबंदी के मद्देनजर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में बनी उप समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ये सिफारिशें की गयी है।
नायडू ने रिपोर्ट सौंपने के बाद मंगलवार रात यहां संवाददाताओं से कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर कर लगाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एमडीआर को पूरी से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है। सरकारी एजेंसियों में डिजिटल लेनदेन पर एमडीआर को शून्य करने या निचले स्तर पर लाने के लिए कहा गया है।
नयाडू समिति की अहम सिफारिशें
1- बड़े लेनदेन में नकदी की अधिकतम सीमा तय करने की सिफारिश की गयी है, हालांकि समिति ने वार्षिक आय में से निर्धारित राशि का डिजिटल लेनदेन के जरिये उपयोग करने पर कर में छूट देने पर भी गौर करने का आग्रह किया है।
2- अतिरिक्त डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले कारोबारियों से पिछले वर्षों के बारे में किसी तरह की पूछताछ नहीं किये जाने की भी सिफारिश की गयी है।
3- शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों को भी डिजिटल लेनदेन में तत्काल शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
4- यूपीआई ऐप के लिए क्यूआर कोड आधारित बनाने की बात कही गयी है तथा बैंकों से भी मर्चेंट स्तर पर क्यूआर कोड आधारित भुगतान को बढावा देने के लिए कहा गया है।
5- महानगरों में बसों और ट्रेनों में यात्रा के दौरान किराये के भुगतान के लिए कांटेक्टलेस भुगतान को बढावा देने की सिफारिश की गयी है।
6- देश के सभी 1.54 लाख डाक घरों को आधार आधारित माइक्रो एटीएम लगाने, सभी भुगतान बैंकों और बिजनेस क्रासपोंडेटों को एईपीएस के जरिये इंटरपोटेर्बल करने, आयकर नहीं देने वाले छोटे दुकानों को डिजिटल भुगतान के लिए स्मार्टफोन खरीदने के लिए एक हजार रुपये की सब्सिडी देने और आधार आधारित भुगतान के लिए बॉयोमैट्रिक मशीन खरीदने के लिए दुकानदारों को 50 फीसदी सब्सिडी देने की सिफारिश की गयी है।
नयाडू समिति की अहम सिफारिशें
1- बड़े लेनदेन में नकदी की अधिकतम सीमा तय करने की सिफारिश की गयी है, हालांकि समिति ने वार्षिक आय में से निर्धारित राशि का डिजिटल लेनदेन के जरिये उपयोग करने पर कर में छूट देने पर भी गौर करने का आग्रह किया है।
2- अतिरिक्त डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले कारोबारियों से पिछले वर्षों के बारे में किसी तरह की पूछताछ नहीं किये जाने की भी सिफारिश की गयी है।
3- शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों को भी डिजिटल लेनदेन में तत्काल शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
4- यूपीआई ऐप के लिए क्यूआर कोड आधारित बनाने की बात कही गयी है तथा बैंकों से भी मर्चेंट स्तर पर क्यूआर कोड आधारित भुगतान को बढावा देने के लिए कहा गया है।
5- महानगरों में बसों और ट्रेनों में यात्रा के दौरान किराये के भुगतान के लिए कांटेक्टलेस भुगतान को बढावा देने की सिफारिश की गयी है।
6- देश के सभी 1.54 लाख डाक घरों को आधार आधारित माइक्रो एटीएम लगाने, सभी भुगतान बैंकों और बिजनेस क्रासपोंडेटों को एईपीएस के जरिये इंटरपोटेर्बल करने, आयकर नहीं देने वाले छोटे दुकानों को डिजिटल भुगतान के लिए स्मार्टफोन खरीदने के लिए एक हजार रुपये की सब्सिडी देने और आधार आधारित भुगतान के लिए बॉयोमैट्रिक मशीन खरीदने के लिए दुकानदारों को 50 फीसदी सब्सिडी देने की सिफारिश की गयी है।
7- समाज के सभी वर्गों को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही वैश्विक मानकों पर आधारित अत्याधुनिक डिजिटल भुगतान तंत्र बनाने की सिफारिश की गयी है।
8- लेसकैश अर्थव्यवस्था तथा डिजिटल लेनदेन के प्रति लोगों के नजरिये में बदलाव लाने की जरूरत है। इसके साथ ही इस तरह से भुगतान को स्वीकार करने के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, कनेक्टिविटी और डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, फिनटेक के साथ साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने की आवश्यकता बतायी गयी है।
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