उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के नतीजों से पहले हरीश रावत सरकार विवादों में घिरती नजर आ रही है। एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड सरकार ने 60 सेकंड के टूरिजम वीडियो के लिए टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को साल 2015 में 47.19 लाख रुपये केदारनाथ रिलीफ फंड से दिए थे। साल 2013 में आई बाढ़ के बाद पीड़ितों की मदद के लिए फंड बनाया गया था। उस वक्त विराट कोहली को उत्तराखंड सरकार ने अपना ब्रैंड अम्बेसडर नियुक्ति किया था। आईटीआई दाखिल करने वाला बीजेपी का सदस्य था। इस मामले पर विराट कोहली के एजेंट और कॉर्नर स्टोन स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट बंटी सजदेह ने कहा कि कि अब तक कोई मौद्रिक लेनदेन नहीं हुआ है।
इस आरोप पर हरीश रावत के मीडिया अडवाइजर सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि टूरिजम राज्य की रीढ़ है और अगर एक मशहूर शख्सियत को राज्य की खास जगहों को प्रमोट करने के लिए लाया जाता है तो इसमें गलत क्या है। हर काम कानूनी तरीके से किया गया है। यह आरोप बेबुनियाद हैं। कुमार ने कहा, सभी जानते हैं कि केदारनाथ का पुर्नविकास सरकार की प्राथमिकता थी। बीजेपी चुनाव हारने की कगार पर है, तो वह भड़ास निकलने के लिए एेसे हथकंडे अपना रही है।
जब उन्हें बताया गया कि विराट के प्रतिनिधि ने उत्तराखंड सरकार और उनके बीच किसी भी तरह से ट्रांजेक्शन से इनकार किया है तो कुमार ने कहा कि मैं संबंधित विभाग से विराट कोहली को हुई पेमेंट की जानकारी जांचने को कहूंगा। यह बीजेपी को आरटीआई से मिली जानकारी है, जिसमें कहा जा रहा है कि विराट कोहली को पैसा दिया गया। अगर क्रिकेटर का प्रतिनिधि दावा कर रहा है कि उन्हें पैसा नहीं मिला तो हम इसकी जांच करेंगे।
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