नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब में मंत्री बनने के बावजूद टीवी पर कॉमेडी शो में काम करते रहने का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को सुनवाई के लिए कबूल कर लिया है.
कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा से पूछा कि क्या ये आचार संहित उल्लंघन का मामला नहीं बनता. कोर्ट ने कहा, मंत्री एक सरकारी पद पर तैनात मुलाजिम की तरह है और अगर कोई मुलाजिम सरकारी पद पर रहते हुए बिजनेस करेगा तो क्या ये कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला नहीं बनता है?
हाईकोर्ट ने एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या ये मोरल ग्राउंड पर सही है कि एक व्यक्ति मंत्री पद पर रहते हुए इस तरह प्राइवेट काम करके पैसे कमाए. उन्होंने साथ ही कहा कि हर मामले में सुनवाई लीगल ग्राउंड के आधार पर नहीं की जाती. कुछ मसलों को नैतिकता और मोरल ग्राउंड पर भी सुनना अदालत की जिम्मेवारी है और क्या ये एक मंत्री की नैतिकता और कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं है. कोर्ट ने सिद्धू से कहा कि अगर आप कानून का पालन नहीं करेंगे तो कौन करेगा? कोर्ट ने एक तरह से सिद्धू को आईना दिखाते हुए पूछा कि नैतिकता और शुचिता का क्या होगा?'
कोर्ट ने इन सवालों पर एडवोकेट जनरल ने कहा कि वह अभी इस मामले में सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दे सकते. जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई 11 मई को मुकर्रर की है.
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