Skip to main content

1945 में आज ही के दिन हुआ था नेताजी का प्लेन क्रैश लेकिन मौत हुयी थी 1985 में, जानिए तथ्य

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मौत की सही तारीख सबूतों के साथ और साथ में अपनी मौत की तारीख भी
18 अगस्त 1945 को ताईवान में हुई दुर्घटना के साथ ही सही अर्थ में देश के सर्वश्रेष्ठ नेता यानि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस लापता हो गए. तब से अब तक उनकी मौत पर पूरी दुनियां में संशय बना हुआ है. इस दुर्घटना के बाद का उनका जीवन था या नहीं, यह एक एक रहस्य बनकर रह गया.कुछ दिनों पहले आपने मीडिया से जाना होगा की ताइवान सर्कार ने दवा किया है कि उस दुर्घटना में नेताजी कि मृत्यु नहीं हूई थी. ऐसी ख़बरें जब तब अति रहती है. सच क्या है, यह कोई नहीं कहता.

आज मैं आपका यह संशय दूर करने के लिए कुछ तथ्य प्रस्तुत करता हूं. इस तथ्य से यह स्वत: प्रमाणित हो जाता है कि नेताजी की मौत उस दुर्घटना में नहीं बल्कि बाद में हुई 16 सितम्बर 1985 को उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद में हूई.

अब बात आती है प्रमाण की. तो लीजिए प्रस्तुत है वह तथ्य या सूत्र. जिसके उपयोग से आप स्वयं भी सहजता से प्रमाणित कर सकते हैं,कि उस दुर्घटना में नेताजी कि मृत्यु नहीं हूई थी. यह भी प्रमाणित कर सकते हैं कि उनकी मृत्यु उस दुर्घटना के 40 साल बाद ही हुई. केवल नेताजी कि ही नहीं बल्कि स्वयं की या अन्य किसी की भी मृत्यु की सही – सही तिथि ज्ञात कर सकते हैं.

यह सूत्र है – अंक  “1”  का अंतर :  जी हां !  हर व्यक्ति की जन्म तिथि के योग और मृत्यु तिथि के योग में मात्र एक ( 1 ) का ही अंतर होता है.  मान लीजिये किसी कि जन्म तिथि का योग 7 है तो उसकी मृत्यु तिथि का योग 6 या 8 होगा. जन्म तिथि के योग से केवल एक (1) अंक काम या एक अंक ज्यादा. इससे अधिक का अंतर संभव नहीं.
इसे इस तरह समझा जा सकता है कि :
नेताजी का जन्म  23 जनवरी 1897 को हुआ था,  दुर्घटना  ( जिसके साथ ही वह लापता हो गए )  18 अगस्त 1945 को हुई और कुछ अन्य लोगों के अलावा मेरा भी दावा है कि उनका निधन हुआ 16 सितम्बर 1985 को.


अब जानिए इन तिथियों के योग में अंतर :

जन्म तिथि है – 23-01-1897 योग  हुआ  2+3=+0+1+1+8+9+7  योग = 31 कुल योग  = 4

दुर्घटना हुई – 18-08-1945  को, योग हुआ  1+8+0+8+1+9+4+5 योग = 36 कुल योग = 9

जबकि दावा है कि उनकी मृत्यु हुई –  16-09-1985  को,  जिसका योग हुआ 1+6+0+9+1+9+8+5  योग = 39  कुल योग = 3

अब ध्यान दें कि नेताजी की जन्म तिथि का योग 4 है. जैसाकि ऊपर बताया, उस सूत्रानुसार उनकी मृत्यु की तिथि का योग 1 अंक के अंतर के आधार पर 3 या 5 ही होना चाहिए. जन्म तिथि के योग से मात्र 1 अंक कम या 1 अंक ज्यादा. इतना अंतर न होने या इससे ज्यादा अंतर होने का मतलब कोई तिथि गलत है. चूंकि दुर्घटना की तिथि का योग 9 है स्पष्टत: वह नेताजी की मृत्यु तिथि नहीं हो सकती.

यदि किसी की जन्म तिथि का योग 8 है तो उसकी मृत्यु तिथि का योग होगा – 9 या 7.

यदि जन्म तिथि का योग 9 है तो मृत्यु तिथि का योग होगा – 1 या 8.  क्योंकि कुल अंक 1 से 9 तक ही तो होते हैं.

इसी प्रकार यदि जन्म तिथि का योग 1 है तो मृत्यु तिथि का योग होगा – 9 या 2

इस प्रकार यह पूरी तरह सिद्ध होता है कि 23-01-1897  को जन्मे नेताजी की मृत्यु 18-08-1945  को नहीं हुई थी.  उन्होंने 16-09-1985 को ही अंतिम सांस ली .  इस बारे में प्रकरण अभी माननीय न्यायालय में विचाराधीन है.

अब प्रस्तुत हैं इस सूत्र के प्रमाण हेतु कुछ उदाहरण :

   1. मैथिलि शरण गुप्त                  जन्म तिथि    03-08-1886  योग  7
                                                    मृत्यु तिथि     12-12-1964  योग   8
  2. पंडित नेहरू                             जन्म तिथि    14-11-1889  योग  6
                                                     मृत्यु तिथि    27-05-1964 योग  7
  3. स्वामी विवेकानंद                    जन्म तिथि    12-01-1863 योग  4
                                                    मृत्यु तिथि     04-071902  योग  5
  4. संजय गांधी                            जन्म तिथि    14-12-1946  योग  1
                                                    मृत्यु तिथि     23-06-1980 योग  2
  5. लाल बहादुर शास्त्री                 जन्म तिथि     02-10-1904 योग  8
                                                   मृत्यु तिथि      11-01-1966  योग  7
  6. मो. अली जिन्नाह                 जन्म तिथि     25-12-1876  योग  5
                                                  मृत्यु तिथि     11-09-1948  योग  6
  7. महात्मा गांधी                       जन्म तिथि     02-10-1869  योग  9
                                                  मृत्यु तिथि     31-01-1948  योग  8
  8. कवि प्रदीप                            जन्म तिथि    06-02-1915 योग  6
                                                  मृत्यु तिथि     11-12-1998  योग  5
  9. राजगुरू                                जन्म तिथि     24-08-1908  योग  5
                                                  मृत्यु तिथि     23-03-1931  योग  4
10. राज कपूर                           जन्म तिथि     14-12-1924  योग  6
                                                मृत्यु तिथि     02-06-1988  योग  7

ये सभी तिथियां गूगल से ली गई हैं. इन सभी के जन्म और मृत्यु की तिथियों के योग में मात्र 1 का स्पष्ट अंतर है.

इन उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु जिस तिथि को होती है उस तिथि का योग उस व्यक्ति की जन्म तिथि के योग से मात्र 1 कम या 1 ज्यादा होती है.

कुछ तिथियों में बहुत अंतर क्यों :

अपवाद हर जगह होते है. इस सूत्र के साथ भी ऐसा होना आश्चर्य नहीं.

किंतु गूगल पर मैंने जिनकी जन्म व मृत्यु की तिथियां देखीं उनमें कुछ के योग में बहुत कम तो कुछ के में बहुत ज्यादा अंतर है.

जैसे – राजीव गांधी ( जन्म 20-08-1944  योग 28  =1  मृत्यु  21-05-1991 योग  28=1 )  की तिथियों मे 0  का अंतर है. इसका कारण शायद यह हो कि गूगल पर उनकी मृत्यु की नहीं बल्कि अंतिम संस्कार की तिथि दी गई है.

जबकि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर,चन्द्र शेखर आजाद, सुखदेव, हेमू कालानी, भगत सिंह, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. अब्दुल कलाम और गणेश शंकर विद्यार्थी की जन्म व मृत्यु तिथियों में बहुत ज्यादा अंतर है.  इसका कारण शायद यह कि जब हमारी श्रद्धेय इन महान हस्तियों ने जन्म लिया तब जन्म तिथि स्कूल में प्रवेश के समय अनुमान से लिख ली जाती थी.

गूगल पर इंदिरा गांधी की जन्म व मृत्यु की तिथियों के योग मे अंतर है।

1985 में नेताजी मृत्यु के दावे का आधार :
उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद में राम भवन नाम के एक मकान में एक बाबा रहते थे. वे गिनती के 6-7 लोगों से ही मिलते जुलते थे. ख़बरों के अनुसार कभी कभी सेना के कुछ अफसर और कभी आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के नेताजी के साथी उनसे मिलने आते थे. बाबा इन सबसे बात तो करते थे, किन्तु बीच में एक मोटा पर्दा रहता था, किसी को शक्ल देखने की इजाजत न थी. शक्ल केवल 6-7 लोगों ने ही देखि. इस वजह से इस साधु या बाबा को गुमनामी बाबा नाम दिया गया.  16-09-1985  को  गुमनामी बाबा के  निधन के बाद कोलकाता से नेताजी की भतीजी भी फैज़ाबाद पहुंची. प्रशासन ने अति सुरक्षा के बीच उनका अंतिम संस्कार किया.
निधन के बाद बाबा के कमरे से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का टाइपराइटर, कई देशों के नक़्शे, नेताजी के  हस्तलिखित पत्र, चस्मा आदि तमाम सामग्री मिली. अगर बाबा नेताजी न होते तो नेताजी की यह धरोहर उनके पास कैसे होती.

इन तथ्यों के आधार पर राम भवन के मालिक ने अदालत की शरण ली. तब सारा सामान अदालत ने अपनी सुरक्षा में लिया. अब यह मामला माननीय न्यायलय में विचाराधीन है, देखें कब इस मामले का सच देश को पता लगता.

Comments

Popular posts from this blog

पहले सेक्स की कहानी, महिलाओं की जुबानी.

क्या मर्द और क्या औरत, सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर होती है कि पहली बार सेक्स कैसे हुआ और इसकी अनुभूति कैसी रही। ...हालांकि इस मामले में महिलाओं को लेकर उत्सुकता ज्यादा होती है क्योंकि उनके साथ 'कौमार्य' जैसी विशेषता जुड़ी होती है। दक्षिण एशिया के देशों में तो इसे बहुत अहमियत दी जाती है। इस मामले में पश्चिम के देश बहुत उदार हैं। वहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी कौमार्य अधिक मायने नहीं रखता।                                                        महिला ने कहा- मैं चाहती थी कि एक बार यह भी करके देख लिया जाए और जब तक मैंने सेक्स नहीं किया था तब तो सब कुछ ठीक था। पहली बार सेक्स करते समय मैं बस इतना ही सोच सकी- 'हे भगवान, कितनी खु‍शकिस्मती की बात है कि मुझे फिर कभी ऐसा नहीं करना पड़ेगा।' उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई भी तकलीफ नहीं हुई, लेकिन इसमें कुछ अच्छा भी नहीं था। पहली बार कुछ ठीक नहीं लगा, लेकिन वर्जीनिया की एक महिला का कहना था कि उसने अपना कौमार्य एक ट्रैम्पोलाइन पर खोया। ट्रैम्पोलाइन वह मजबूत और सख्त कैनवास होता है, जिसे ‍स्प्रिंग के सहारे कि

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 !!

Torrent Power Thane Diva Helpline & Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 बिजली के समस्या के लिये आप Customer Care 24x7 No : 02522677099 / 02522286099 पर अपनी बिजली से सबंधित शिकायत कर सकते है। या Torrent Power ऑफिस जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। या उनके ईमेल id पर भी शिकायत कर सकते हो। To,                            Ass.Manager Torrent Power Ltd चद्ररगन रेसिटेंसी,नियर कल्पतरु जेवर्ल्स,शॉप नंबर-234, दिवा ईस्ट । consumerforum@torrentpower.com connect.ahd@torrentpower.com

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री #एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे #कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से #ठाणे रेलवे पर स्टेशन आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !!

#महाराष्ट्र के मा.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी,मेरा बेटे कृष्णा चव्हाण #कर्नाटक से ठाणे रेलवे स्टेशन पर आते वक़्त लोकल रेल्वे से उसका एक्सीडेंट में मौत होकर 3 साल गुजर जाने पर भी आज तक इस ग़रीब माता पिता को इंसाफ नही मिला हैं !! आज तक किसी भी रेलवे के तरफ़ से कोई अधिकारी मेरे बेटे के ट्रेन एक्सीडेंट लेकर या कोर्ट केस से संबधित कोई भी इनफार्मेशन मुझे नही दी हैं. मेरे बेटे के मौत को लेकर कोई भी रेलवे डिपार्टमेंट से कानूनी लीगल मदत आज तक नही मिली हैं. #कृष्णा पुनिया चव्हाण को इंसाफ दिलाने के लिए जनता इस न्यूज़ पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और साथ हीं कमेट्स बॉक्स में अपनी राय रखे !!